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तबादले पर पहली बार बोले जस्टिस मुरलीधर, मुझे कोई आपत्ति नहीं

locationनई दिल्लीPublished: Mar 06, 2020 07:42:46 am

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस मुरलीधर ने विदाई समारोह में कही मन की बात।
विपक्ष ने जस्टिस के तबादले के मुद्दे पर भाजपा सरकार पर निशाना साधा था।
जस्टिस बोले- मुझे देश के सर्वश्रेष्ठ हाईकोर्ट का जज होने पर हमेशा रहेगा गर्व।

 

justice s muralidhar

जस्टिस एस मुरलीधर

नई दिल्ली। हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट से पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में ट्रांसफर किए जाने वाले जस्टिस एस मुरलीधर ने गुरुवार को फेयरवेल के दौरान अपने मन की बात कही। उन्होंने कहा कि बीते 17 फरवरी को सीजेआई ने उन्हें इस संबंध में जानकारी दी और उन्हें तबादले के फैसले पर कोई आपत्ति नहीं है।
दिल्ली हाईकोर्ट में गुरुवार को आयोजित फेयरवेल पार्टी में जस्टिस मुरलीधर ने कहा, “जो पता चला उस बारे में कोई गलतफहमी है और इसलिए मैंने सोचा कि इसे साफ कर देना चाहिए। केंद्र सरकार को पांच सदस्यीय कोलेजियम जो भेजता है वह यह सिफारिश होती है कि हाईकोर्ट के एक जज को दूसरे हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया जाए। इस दौरान संबंधित जज तबादले के आदेश के तहत नहीं होता।”
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जस्टिस मुरलीधर ने कहा कि कोलेजियम का फैसला उन्हें भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एसए बोबडे द्वारा भेजा गया था। उन्होंने कहा, “मैंने उस पत्र की प्राप्ति पर स्वीकृति भेजी। तब मुझसे पूछा गया कि इसका क्या मतलब था। जैसे मैंने देखा था, मेरा अब दिल्ली हाईकोर्ट से तबादला हो रहा है और पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट जाना मुझे ठीक लगा।” मुरलीधर ने कहा कि उन्होंने एक स्पष्टीकरण भेजा था कि उन्हें इस प्रस्ताव पर कोई आपत्ति नहीं है।
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जस्टिस मुरलीधर ने आगे बताया, “26 फरवरी 2020 का दिन शायद इस अदालत में बतौर जज मेरी जिंदगी का सबसे लंबा कामकाजी दिन था। यह देर रात 12.30 बजे शुरू हुआ जब मैं जस्टिस सिस्तानी के आदेश पर अपने आवास पर जस्टिस भंबानी के साथ बैठा था, ताकि दंगे के पीड़ितों को ले जाने वाली एंबुलेंस को सुरक्षित रास्ता देने की राहुल रॉय द्वारा दायर जनहित याचिका निपटा सकूं।”
उन्होंने आगे बताया, “जब याचिकाकर्ता के वकील ने मेरे घर पर फोन किया तब मैंने यह जानते हुए कि सीजेआई छुट्टी पर हैं, पहले जस्टिस सिस्तानी को फोन करके पूछा कि क्या किया जाना चाहिए। जस्टिस सिस्तानी ने समझाया कि वह भी 26 फरवरी को आधिकारिक अवकाश पर हैं और यह मामला मुझे लेना चाहिए।”
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इस दिन बाद में उन्होंने जस्टिस तलवंत सिंह के साथ हेट स्पीच के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की एक अन्य जनहित याचिका ले ली। उन्होंने बताया, “तकरीबन 26 फरवरी की आधी रात जारी इस आदेश (तबादला) ने दो काम किए, पहला इसने मेरा तबादला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट कर दिया। दूसरा, इसने मुझे ऐसी स्थिति में नियुक्त कर दिया जहां से मेरा तबादला कभी नहीं किया जा सकता, या मुझे कभी हटाया नहीं जा सकता। और बेशक देश के सबसे श्रेष्ठ हाईकोर्ट, यानी दिल्ली हाईकोर्ट का पूर्व न्यायाधीश होने पर मैं हमेशा गर्व महसूस करूंगा।”
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गौरतलब है कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के साथ परामर्श करके राष्ट्रपति ने दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एस मुरलीधर का तबादला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में करते हुए उन्हें नए कार्यालय का कार्यभार संभालने के निर्देश दिए।
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इस बारे में विपक्ष ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि आधी रात में तबादला करके सरकार केवल लोकतांत्रिक संस्था ही नहीं बल्कि न्यायपालिका को भी साफ-साफ दबाते हुए नीचा दिखा रही है।
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