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‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, खतरा अभी टला नहीं

locationनई दिल्लीPublished: Jan 09, 2019 12:59:18 pm

‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, खतरा अभी टला नहीं

नई दिल्ली। रिलीज से पहले अपने ट्रेलर और फिल्म की थीम को लेकर विवादों में घिरी ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। दिल्ली हाईकोर्ट से इस फिल्म को बड़ी राहत मिली है। दरअसल चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस वी कामेश्वर राव की डिविजन बेंच ने फिल्म की रिलीज और प्रोमो पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने फिल्म की रिलीज के खिलाफ दायर याचिका को रद्द कर दिया है।
अभी टला नहीं खतरा
हाईकोर्ट से भले ही द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर को राहत मिली हो लेकिन अभी खतरा टला नहीं है। हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद याचिकाकर्ता पूजा महाजन सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती हैं। उनके वकील ने कहा है कि हम सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे।
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आपको बता दें कि इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म के ट्रेलर पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इस मामले को डिविशन बेंच को भेजा गया था। दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट में इस फिल्म के ट्रेलर पर तुरंत रोक लगाने के लिए याचिका दाखिल की गई थी। याचिका में कहा गया था कि ट्रेलर में सिनेमाटोग्राफी एक्ट के रूल 38 का उल्लंघन किया गया है. वहीं यूथ कांग्रेस ने भी फिल्म के ट्रेलर को लेकर आपत्ति जताई थी।

दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट में इस फिल्म के ट्रेलर पर तुरंत रोक लगाने के लिए याचिका दाखिल की गई थी। याचिका में कहा गया था कि ट्रेलर में सिनेमाटोग्राफी एक्ट के रूल 38 का उल्लंघन किया गया है। वहीं यूथ कांग्रेस ने भी फिल्म के ट्रेलर को लेकर आपत्ति जताई थी।

आपको बता दें मनमोहन सिंह की बेटी दमन सिंह ने अपने किताब ‘स्ट्रिक्टली पर्सनल-मनमोहन एंड गुरशरन’ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने कहा है कि द एक्सीडेंटल…में कई ऐसी बातें हैं नहीं बताई गई हैं जो मेरे पिता के बारे में काफी महत्वपूर्ण हैं। अपनी किताब में शिक्षक से नेता बनने के सफर को बखूबी बयां किया हैं…

मंत्री से लड़़ाई प्रमोशन लेकर आई
वे लिखती हैं, “मेरे पिता अपनी नम्रता को त्याग कर खुलेआम कहा करते थे कि उस समय विदेशी व्यापार के मुद्दों पर भारत में उनसे अधिक जानने वाला कोई नहीं था। उस समय उनके मंत्री थे ललित नारायण मिश्र।” “एक बार वो मनमोहन सिंह से नाराज हो गए, क्योंकि वो कैबिनेट को भेजे जाने वाले एक नोट से सहमत नहीं थे। मनमोहन सिंह ने कहा कि वो दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर की अपनी नौकरी पर वापस चले जाएंगे।” “प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सचिव पीएन हक्सर को इसकी भनक लग गई। उन्होंने कहा कि तुम वापस नहीं जाओगे। उन्होंने उन्हें वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार का पद ‘ऑफर’ कर दिया। इस तरह मंत्री से लड़ाई उनके लिए प्रमोशन लेकर आई।”
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