यशपाल सिंह को फांसी और नरेश सहरावत को उम्रकैद
आपको बता दें कि सिख विरोधी दंगे के दौरान त्रिलोकपुरी में कई घरों में आगजनी करने समेत 95 लोगों की हत्या के संबंध में कोर्ट ने यशपाल को फांसी की सजा सुनाई थी। जस्टिस आरके गॉबा की बेंच ने निचली अदालत का फैसला बरकरार रखा था,जिसमें सभी 88 दोषियों को मिली पांच साल की सजा सुनाई गई थी। इन सभी को दंगा भड़काने, घरों में आगजनी करने और कर्फ्यू के नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाया था। पटियाला हाउस कोर्ट के एडिशनल सेशन जज अजय पांडे ने मामले के दोषी यशपाल सिंह को फांसी और नरेश सहरावत को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
दंगे में हुई थी 95 लोगों की मौत
दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले पर 19 दिसंबर को सुनवाई करने के लिए रजामंदी दे दी है। गौरतलब है कि उस साल तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद ये दंगा भड़का था। उस दौरान त्रिलोकपुरी इलाके के लोग भी निशाना बनाए गए थे। मामले की रिपोर्ट के मुताबिक साल 1984 में 2 नवंबर को दंगे भड़कने से वहां 95 लोगों की मौत हुई थी। दंगाईयों ने करीब 100 घरों आग के हवाले कर दिया था। इस मामले में अलग-अलग उल्लंघनों के बाद 107 लोगों को आरोपित बनाया गया था।