script1984 सिख विरोधी दंगा: दोषी यशपाल की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट की मंजूरी, 19 दिसंबर को सुनवाई | Delhi high Court fixes 19 Dec for hearing in 1984 anti sikh riot case | Patrika News

1984 सिख विरोधी दंगा: दोषी यशपाल की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट की मंजूरी, 19 दिसंबर को सुनवाई

Published: Dec 11, 2018 12:56:02 pm

Submitted by:

Shweta Singh

फैसले के बाद फांसी की सजा पाने वाले यशपाल सिंह ने इसके खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में अपील की थी। इसके साथ ही राज्य और पुलिस ने भी इस मामले में हाई कोर्ट में याचिका डाली थी।

Delhi high Court fixes 19 Dec for hearing in 1984 anti sikh riot case

1984 सिख विरोधी दंगा: दोषी यशपाल की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट की मंजूरी, 19 दिसंबर को सुनवाई

नई दिल्ली। 1984 के सिख विरोधी दंगो से जुड़े मामले में कोर्ट ने 34 साल बाद सजा का ऐलान किया था। बीते नंवबर की 28 तारीख को दिल्ली की अदालत ने इस मामले के दोषी को मौत की सजा सुनाई थी। फैसले के बाद फांसी की सजा पाने वाले यशपाल सिंह ने इसके खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में अपील की थी। इसके साथ ही राज्य और पुलिस ने भी इस मामले में हाई कोर्ट में याचिका डाली थी। मंगलवार ने दोनों याचिकाओं पर सुनवाई की मंजूरी दी है। कोर्ट ने दोनों की सुनवाई के लिए 19 दिसंबर की तारीख तय की है।

यशपाल सिंह को फांसी और नरेश सहरावत को उम्रकैद

आपको बता दें कि सिख विरोधी दंगे के दौरान त्रिलोकपुरी में कई घरों में आगजनी करने समेत 95 लोगों की हत्या के संबंध में कोर्ट ने यशपाल को फांसी की सजा सुनाई थी। जस्टिस आरके गॉबा की बेंच ने निचली अदालत का फैसला बरकरार रखा था,जिसमें सभी 88 दोषियों को मिली पांच साल की सजा सुनाई गई थी। इन सभी को दंगा भड़काने, घरों में आगजनी करने और क‌र्फ्यू के नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाया था। पटियाला हाउस कोर्ट के एडिशनल सेशन जज अजय पांडे ने मामले के दोषी यशपाल सिंह को फांसी और नरेश सहरावत को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

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दंगे में हुई थी 95 लोगों की मौत

दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले पर 19 दिसंबर को सुनवाई करने के लिए रजामंदी दे दी है। गौरतलब है कि उस साल तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद ये दंगा भड़का था। उस दौरान त्रिलोकपुरी इलाके के लोग भी निशाना बनाए गए थे। मामले की रिपोर्ट के मुताबिक साल 1984 में 2 नवंबर को दंगे भड़कने से वहां 95 लोगों की मौत हुई थी। दंगाईयों ने करीब 100 घरों आग के हवाले कर दिया था। इस मामले में अलग-अलग उल्लंघनों के बाद 107 लोगों को आरोपित बनाया गया था।

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