AK सरकार के फैसले के खिलाफ HC में याचिका दायर दरअसल, दिल्ली सरकार के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि 117 प्राइवेट हॉस्पिटल और नर्सिंग होम ( Private Hospitals And Nursing Home ) में भी कोरोना के मरीजों को भर्ती किया जाएगा तो दूसरे मरीजों को इससे खतरा बढ़ जाएगा। याचिका में कहा गया है कि दोनों तरह के मरीज अगर एक ही हॉस्पिटल में रहेंगे तो कोरोना संक्रमण ज्यादा फैल सकता है और जान को खतरा भी हो सकता है।
20 फीसदी बेड रिजर्व रखने का आदेश बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ( Delhi High Court ) ने इस याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए याचिका को खारिज कर दिया। लेकिन, कोर्ट ने सरकार से कहा कि दूसरे मरीजों की सुरक्षा पर जरूरत विचार करे। गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने प्राइवेट हॉस्पिटल को 20 फीसदी वार्ड रिजर्व रखने के आदेश दिए हैं। सरकार ने कहा कि 50 या उससे अधिक वाले हॉस्पिटल और नर्सिंग होम 20 फीसदी बेट कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व रखेंगे। सरकार के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। सरकार का यह आदेश दिल्ली के 117 हॉस्पिटल और नर्सिंग होम पर लागू होंगे।
24 घंटे में 1300 कोरोना के मरीज यहां आपको बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस बेकाबू होता जा रहा है। पिछले 24 घंटे में करीब 1300 कोरोना के नए मामले सामने आ चुके हैं। आलम ये है कि राज्य में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 22 हजार के पार पहुंच चुका है। वहीं, 556 लोगों की मौत हो चुकी है। दिल्ली में कंटनमेंट जोन की संख्या 158 हो गई है।