scriptपेट्रोल-डीजल के मूल्य निर्धारण फार्मूले का नहीं होगा खुलासा, दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका | Delhi High Court rejects plea seeking formula used to fix fuel prices | Patrika News

पेट्रोल-डीजल के मूल्य निर्धारण फार्मूले का नहीं होगा खुलासा, दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

Published: Sep 19, 2018 06:07:23 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

तेल कंपनियां और केंद्र सरकार किस फार्मूले के तहत देश में पेट्रोल और डीजल के दाम तय करते हैं, इसकी जानकारी के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका लगी थी।

Delhi High Court

पेट्रोल-डीजल के मूल्य निर्धारण फार्मूले का नहीं होगा खुलासा, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल के दाम में बेतहाशा बढ़ोतरी के बावजूद देश का आम आदमी उस फार्मूले को नहीं जान सकता है, जिसके आधार पर केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतें तय करती है। बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें केंद्र को पेट्रोल और डीजल की कीमतें तय करने वाले फार्मूले का खुलासा करने के आदेश देने की मांग की गई थी। चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली पीठ ने पेट्रोल की कीमतें तय करने की सरकार की नीति में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया।

तेल कंपनियों और सरकार से मांगा गया था फार्मूला

हाईकोर्ट ने दिल्ली की रहने वाली डिजाइनर पूजा महाजन की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उनकी वकील ए.मैत्री ने कोर्ट से तेल कंपनियों समेत सरकार से इस संबंध में नियम का खुलासा करने और किस आधार पर रोजाना ईंधन की कीमतें तय होती हैं, उसका रिकॉर्ड देने के आदेश देने की मांग की। याचिकाकर्ता ने कहा कि लोग काफी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, क्योंकि इन कीमतों को धारणा के आधार पर बढ़ाया गया है। एकवोकेट मैत्री ने कोर्ट से कहा कि तेल विनिर्माता कंपनियां पेट्रोल व डीजल की अपनी पुरानी खेप को बढ़ी हुई कीमतों पर बेच रही हैं, जबकि सच्चाई यह है कि पुरानी खेप को सस्ते दाम में खरीदा गया था।

केंद्र ने खारिज की कांग्रेस की मांग, रफाल सौदे की नहीं होगी कैग और जेपीसी से जांच

कोर्ट ने कहा- नहीं करेंगे सरकार की नीति में हस्तक्षेप

याचिका में कहा गया है कि आधिकारिक दावों के अनुसार, पेट्रोल व डीजल की कीमतों में अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में वृद्धि के आधार पर बढ़ोतरी हो रही है। जबकि सच्चाई यह है कि कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत को बैरल के आधार पर तय किया जाता है। यह याचिका, याचिकाकर्ता की लंबित जनहित याचिका पर दाखिल की गई थी, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार को पेट्रोल व डीजल की उचित कीमत तय करने के आदेश देने की मांग की थी, क्योंकि यह नीतिगत मामला है, जिसमें बड़े आर्थिक मुद्दे शामिल हैं।

देश में बढ़ रहा है विरोध

पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर लोगों में केंद्र सरकार के प्रति विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। ना तो केंद्र सरकार अभी तक पेट्रोल और डीजल के दामों को जीएसटी के दायरे में लेकर आ पार्इ है। ना ही लोगों को अभी तक पेट्रोल और डीजल से हो रहे मुनाफे का फायदा ही हो पा रहा है। आने वाले दिनों में हालात ऐसे ही रहे तो डीजल-पेट्रोल के दामों में र भी इजाफा हो सकता है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो