तेल कंपनियों और सरकार से मांगा गया था फार्मूला
हाईकोर्ट ने दिल्ली की रहने वाली डिजाइनर पूजा महाजन की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उनकी वकील ए.मैत्री ने कोर्ट से तेल कंपनियों समेत सरकार से इस संबंध में नियम का खुलासा करने और किस आधार पर रोजाना ईंधन की कीमतें तय होती हैं, उसका रिकॉर्ड देने के आदेश देने की मांग की। याचिकाकर्ता ने कहा कि लोग काफी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, क्योंकि इन कीमतों को धारणा के आधार पर बढ़ाया गया है। एकवोकेट मैत्री ने कोर्ट से कहा कि तेल विनिर्माता कंपनियां पेट्रोल व डीजल की अपनी पुरानी खेप को बढ़ी हुई कीमतों पर बेच रही हैं, जबकि सच्चाई यह है कि पुरानी खेप को सस्ते दाम में खरीदा गया था।
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कोर्ट ने कहा- नहीं करेंगे सरकार की नीति में हस्तक्षेप
याचिका में कहा गया है कि आधिकारिक दावों के अनुसार, पेट्रोल व डीजल की कीमतों में अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में वृद्धि के आधार पर बढ़ोतरी हो रही है। जबकि सच्चाई यह है कि कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत को बैरल के आधार पर तय किया जाता है। यह याचिका, याचिकाकर्ता की लंबित जनहित याचिका पर दाखिल की गई थी, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार को पेट्रोल व डीजल की उचित कीमत तय करने के आदेश देने की मांग की थी, क्योंकि यह नीतिगत मामला है, जिसमें बड़े आर्थिक मुद्दे शामिल हैं।
देश में बढ़ रहा है विरोध
पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर लोगों में केंद्र सरकार के प्रति विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। ना तो केंद्र सरकार अभी तक पेट्रोल और डीजल के दामों को जीएसटी के दायरे में लेकर आ पार्इ है। ना ही लोगों को अभी तक पेट्रोल और डीजल से हो रहे मुनाफे का फायदा ही हो पा रहा है। आने वाले दिनों में हालात ऐसे ही रहे तो डीजल-पेट्रोल के दामों में र भी इजाफा हो सकता है।