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पूर्व सैनिकों के समर्थन में पहुंचे राहुल, वापस जाओ के लगे नारे

Published: Aug 14, 2015 04:53:00 pm

पूर्व सैनिकों का समर्थन करने पहुंते राहुल गांधी, वापस जाओ के लगाए गए नारे

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नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को जंतर मंतर पर वन रैंक वन पेंशन को लेकर आंदोलन कर रहे पूर्व सैनिकों का समर्थन करने पहुंचे, लेकिन उनका वहां पहुंचना पूर्व सैनिकों को अच्छा नहीं लगा। धरने पर बैठे पूर्व सैनिकों ने राहुल को रोक दिया और राहुल गांधी वापस जाओ के नारे लगाए।

दिल्ली पुलिस ने पूर्व सैनिकों धरना जारी रखने की इजाजत दे दी है। इससे पहले वन रैंक वन पेंशन को लेकर जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे पूर्व सैनिकों को और दिल्ली पुलिस के बीच शुक्रवार को हाथापाई हुई। पुलिस का कहना है कि स्वतंत्रता दिवस के चलते इलाके की साफ-सफाई कराई जानी जरूरी है इस लिए पूर्व सैनिकों को हटाया जा रहा। वहीं दूसरी ओर वन रैंक वन पेंशन स्कीम को लेकर आंदोलन कर रहे पूर्व सैनिकों ने जंतर मंतर पर से हटने से इनकार कर दिया है और वे वहीं जमे हुए है।

पूर्व सैनिकों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती, तब तक वे आंदोलन स्थल से नहीं हटेंगे। इससे पहले गुरुवार को पूर्व सैनिकों ने वन रैंक वन पेंशन को लेकर मोदी सरकार द्वारा दिए गए लेटेस्ट प्रपोजल को ठुकरा दिया था। पूर्व सैनिकों का कहना है कि वे नहीं चाहते हैं किओआरओपी में किसी भी तरह का बदलाव किया जाए। पूर्व सैनिक चाहते हैं कि सरकार जल्द इसे पास करे।

वहीं माना जा रहा है कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को सम्बोधित करेंगे तब वे ओआरओपी की घोषणा कर सकते हैं। कुछ पूर्व सैनिकों ने कहा था कि उनके पास पुख्ता संकेत हैं कि प्रधानमंत्री इसकी घोषणा करेंगे। वित्त मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के बीच कुछ मुद्दों पर असहमतियों के बाद अब फाइल प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंच गई है। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने ओआर ओपी की मांग सैद्धान्तिक रूप से स्वीकार कर ली है। लोकसभा चुनाव में भाजपा के घोषणा पत्र में भी यह मुद्दा शामिल था।

क्या है पूर्व सैनिकों की मांग
पूर्व सैनिकों की मांग है कि एक रैंक पर रिटायर हुए सैनिकों की पेंशन एक समान होनी चाहिए। सैनिक एक पोस्ट और एक ही वक्त तक सर्विस के बाद रिटायर होते हैं, लेकिन उनकी रिटायरमेंट में कुछ सालों का फर्क होता है और इसी दौरान सेना में नया पे कमीशन लागू हो जाता है। इसके कारण बाद में रिटायर होने वाले सैनिक को नए पे कमिशन के हिसाब से पेंशन मिलती है, जबकि पहले रिटायर हुए सैनिक पुराने पे कमिशन के हिसाब से पेंशन मिलती है।
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