स्थिति पर निगरानी रखेंगे कैबिनेट सचिव कैबिनेट सचिव राजीव गौबा इन राज्यों के साथ हर रोज स्थिति पर निगरानी रखेंगे और एक बेहतर समन्वय के लिए आवश्यक निर्देश देंगे। तीनों राज्यों में अलग-अलग पार्टियों की सरकारें हैं, जिनके बीच इस मुद्दे को लेकर राजनीतिकरण और आरोप-प्रत्यारोप का खेल चल रहा है।
इन राज्यों के मुख्यसचिवों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने राज्यों में 24 घंटे स्थिति पर जिलास्तर पर निगरानी रखें। पूरी दिल्ली में रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक के 625 से ऊपर पहुंच जाने और बवाना जैसे इलाके में इसके 999 के स्तर पर पहुंच जाने के बाद यह इस मौसम में अपने तरह की पहली आपात बैठक हुई है।
बता दें, दिल्ली-एनसीआर इस वक्त प्रदूषण का स्तर खतरनाक बना हुआ है। सारा दिन धुंध बनी रही। लोगों को कई तरह की स्वास्थ संबंधी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पंजाब, हरियाणा में बनी रही धुंध
उधर, पंजाब और हरियाणा में पराली जलाना जारी है। दोनों राज्यों में रविवार को धुंध की परत छाई रही, इसके साथ ही पीएम 2.5 का स्तर काफी ज्यादा हो गया है और कई जगहों पर यह 800 पार हो गया है। पीएम 2.5, हवा में छोटे कण होते हैं जो दृश्यता को घटाते है और इसके स्तर के ज्यादा होने से धुंध बनती है।
औद्योगिक शहर मंडी गोबिंदगढ़ में सुबह 7.30 बजे पीएम 2.5 एक्यूआई 844 पर था, जो राज्य में सबसे खराब था। तुलनात्मक तौर पर औद्योगिक हब लुधियाना में दिन में सबसे ज्यादा 241 पर रहा। यह 24 घंटे में सबसे ज्यादा था। एक अन्य शहर पटियाला में दिन के उच्च स्तर 223 पर रहा, जबकि राजधानी चंडीगढ़ में वायु गुणवत्ता 182 के साथ मध्यम रही। चंडीगढ़ में पीएम 2.5 का निचला स्तर सुबह 6.30 बजे 48 पर रहा। पवित्र नगरी अमृतसर में यह 183 पर रहा, जबकि इसका उच्चतम स्तर 206 रहा।