धर्मशिला अस्पताल में शिफ्ट किए गए कैंसर मरीज
इस घटना ने अस्पताल प्रशासन की चिंताए बढ़ा दी हैं। एहतियात के तौर पर अस्पताल को सील कर दिया गया है। यहां भर्ती सभी मरीजों को धर्मशिला अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है।
कोरोना के केस मिलने के बाद भी अस्पताल का काम चलता रहा
जानकारी के मुताबिक, 1 अप्रैल को महिला डॉक्टर के संक्रमित मिलने के दौरान अस्पताल में कैंसर के 80 मरीज थे। महिला डॉक्टर ओपीडी के अलावा वार्ड में भी ड्यूटी दे रही थी। संक्रमित मिलने के बाद अस्पताल की ओपीडी तो बंद कर दी गई, लेकिन बाकी काम चलता रहा। इसके बाद लगातार दो दिन दो-दो नर्स संक्रमित मिलीं। तीसरे दिन एक साथ 11 लोग संक्रमित मिले। अब तक तीन डॉक्टरों सहित 18 स्वास्थ्य कर्मचारी संक्रमित हो चुके हैं। एक गर्भवती नर्स भी संक्रमित है, जिसे लोकनायक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
WHO के मानकों का किया उल्लंघन- डॉक्टर्स
अस्पताल के डॉक्टरों का यहां तक कहना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों का पालन नहीं किया गया, जिसके चलते अन्य कर्मचारियों को लगातार संक्रमण हो रहा है। अब भी अस्पताल में तैनात रेजिडेंट डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ ड्यूटी के बाद अपने-अपने घर जा रहे हैं, यह सबसे बड़ा खतरा है।
अस्पताल को किया जा सकता है सैनेटाइज
वहीं अस्पताल के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर बीएल शेरवाल का कहना है कि अस्पताल में अब भी 17 मरीज भर्ती हैं, जिनका सैंपल लिया है। रिपोर्ट आने के बाद फैसला लिया जाएगा। रिपोर्ट निगेटिव आती है तो उनका इलाज किसी प्राइवेट अस्पताल में शिफ्ट करा अस्पताल को बंद करके सैनिटाइज किया जा सकता है।