दोनों दलों के बीच एक तरफ बदजुबानी और कड़वाहट है, तो दूसरी ओर हास्य, कटाक्ष और व्यंग्य के साथ तीखे वार भी हैं। भाजपा की तरफ से इस जंग के सेनापति हैं पुनीत अग्रवाल ( Puneet Agarwal )। इनका एक ही का प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा युवा वोटरों को लुभाया जाए। जाहिर है दोनों की क्रिएटिव टीमें उन चीजों पर फोकस कर रही हैं, जो युवाओं के दिलों-दिमाग पर छाई रहती हैं। दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए 13750 बूथ हैं और भाजपा ने हर बूथ पर पांच कार्यकर्ता लगा रखे हैं। यहां 280 मंडल हैं और हर मंडल पर तीन कार्यकर्ता हैं। सभी 14 जिलों में कन्वीनर भी भूमिका निभा रहे हैं। वहीं सभी सात लोकसभा क्षेत्रों में भी एक-एक कन्वीनर है। प्रदेश में आठ लोगों की टीम है। ये सभी नि:शुल्क सेवा दे रहे हैं।
भाजपा की सोशल मीडिया सेल को पुनीत अग्रवाल लीड कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम दो बातों पर फोकस कर रहे हैं। पहली केंद्र सरकार ने दिल्ली के लिए जो काम किए, उन्हें दिखाएं। दूसरी केजरीवाल जो नहीं कर पाए, उन्हें जनता तक पहुंचाएं। क्रिएटिव कंटेंट बनाने की कोशिश है, चाहे वो वीडियो हों या मीम्स। लोग टैक्स्ट से ज्यादा इन्हें पसंद करते हैं। किसी की भावनाओं को ठेस न पहुंचे, इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर चल रही फेक न्यूज के बारे में पुनीत कहते हैं कि अगर भाजपा के ऑफिशियल अकाउंट से कुछ गलत जा रहा है तो पार्टी को जिम्मेदार मान सकते हैं। मैं या हमारे बड़े पदाधिकारी कुछ गलत पोस्ट कर रहे हैं तो भी पार्टी की जवाबदेही मानी जा सकती है। लेकिन, भाजपा के 18 करोड़ रजिस्टर्ड कार्यकर्ता हैं। अगर वो कुछ पोस्ट करते हैं तो इसके लिए पार्टी कैसे जवाबदेह हो सकती है।
अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली भाजपा के ऑफिशियल अकाउंट से क्या जाएगा, यह मैं तय करता हूं? वॉलंटियर्स पर्सनल अकाउंट से क्या पोस्ट करते हैं, यह उन पर छोड़ दिया जाता है। बस यह आदेश है कि फेक न्यूज न डालें। पहले जांच करें, कुछ संदेह है तो हमसे पूछें। आलम ये है कि दोनों ही दलों में जमकर ट्विटर और सोशल मीडिया पर वार-प्रतिवार चल रहा है। सोशल मीडिया के इस चुनावी अभियान में भाजपा के सभी सात सांसद और उम्मीदवार भी अपने-अपने स्तर से अभियान चला रहे हैं।