दंगा प्रभावित इलाकों में फिलहाल माहौल शांत है और पत्रिका की टीम ग्राउंड जीरो पर जाकर वहां की वास्तविकता के बारे में जानकारी जुटाने में लगी है। इसी क्रम में हमारे संवाददाता अनुराग मिश्रा करावल नगर पहुंचे। पड़ताल के दौरान जब वह करावल नगर स्थित मोहल्ला क्लीनिक पहुंचे तो वहां ताला लटक रहा था। इतना ही नहीं गेट पर लिखा हुआ है कि 24 फरवरी से यह क्लीनिक बंद है। इस बारे में जब उन्होंने स्थानीय लोगों से बातचीत की तो उनका कहना था कि यह क्लीनिक 24 फरवरी से बंद है। न तो एक बार कोई डॉक्टर आए और न ही कोई कंपाउंडर। लोगों का कहना था कि पास में दंगा भड़का हुआ था और हिंसा में कई लोग घायल हुए थे।
घायल लोग इलाज के लिए इधर-उधर भटक रहे थे। जबकि, पास में मौजूद मोहल्ला क्लीनिक में ताला लगा हुआ था। सबसे हैरानी की बात माहौल शांत होने के बावजूद भी मोहल्ला क्लीनिक बंद है। हालांकि, इलाज के लिए सारा सामान अंदर मौजूद है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या सरकार या प्रशासन के कहने पर यह क्लीनिक बंद है। जबकि, यहां जिस तरह का माहौल था उसमें इलाज के लिए इसका खुला रहना सबसे ज्यादा जरूरी था। या फिर डॉक्टर जानबूझकर इस क्लीनिक को बंद किए हुए हैं। क्योंकि, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने जब मोहल्ला क्लीनिक का आरंभ किया था तो उनका साफ कहना था कि दिल्ली की जनता के सेवा के लिए यह हमेशा तैयार रहेगा। लेकिन, इसकी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।