दिल्ली हिंसाः पुलिस ने आज दो स्थानों से तीन शव बरामद किए, अब तक शिनाख्त नहीं
- रविवार को गोकुलपुरी से एक और भागीरथी विहार से दो शव मिले।
- दिल्ली पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए जीटीबी अस्पताल भिजवाए।
- अभी तक नहीं की जा सकी है तीनों डेड बॉडी की पहचान।

नई दिल्ली। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा के कुछ दिनों बाद रविवार को पुलिस ने राजधानी में दो स्थानों से तीन शव बरामद किए। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि एक शव गोकुलपुरी की नहर से बरामद किया गया है जबकि दो भागीरथी विहार नहर से मिले हैं।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक रविवार को दो अलग-अलग स्थानों से तीन डेड बॉडी बरामद की गईं। इन शवों को गुरु तेग बहादुर अस्पताल में पोस्ट मार्टम के लिए भिजवा दिया गया है। इन शवों की अब तक पहचान नहीं की जा सकी है।
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शनिवार तक उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में कम से कम 42 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी थी जबकि 200 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। चार दिनों तक चली इस सांप्रदायिक हिंसा में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के तमाम इलाकों में जमकर आगजनी-लूटपाट और मारपीट की वारदातें सामने आईं।
Delhi Police officials at the spots confirm that three bodies have been recovered today; one from a canal in Gokalpuri and two from Bhagirathi Vihar canal. #DelhiViolence
— ANI (@ANI) March 1, 2020
इससे पहले बृहस्पतिवार शाम को दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने उत्तर-पूर्वी इलाके में हुई हिंसा की जांच के लिए दो विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। क्राइम ब्रांच की इन दो स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीमों को डीसीपी जॉय टिर्की और डीसीपी राजेश देव के नेतृत्व में गठित किया गया है।
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गठन के साथ ही इन दोनों एसआईटी ने तुरंत जांच संभाल ली और अब तक इस मामले में दर्ज की गईं सभी एफआईआर इन्हें ट्रांसफर कर दी गईं। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के एडिशनल कमिश्नर बीके सिंह इन दोनों टीमों को सुपरवाइज करेंगे।
इस हिंसा के दौरान करोड़ों रुपये की संपत्ति नष्ट हो गई है और दर्जनों घरों के चिराग बुझ गए हैं। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शुरू हुआ प्रदर्शन कब सांप्रदायिक हिंसा में बदल गया, इसके लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
Me Vahi thaa Jab body nikal the Rhee pic.twitter.com/nZQ6RZUs7u
— Ankit Chauhan❤️ (@whorajput) March 1, 2020
बता दें कि इस हिंसा को लेकर ऑल-इंडिया-मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। ओवैसी ने रविवार को दिल्ली हिंसा को नरसंहार की संज्ञा देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खामोशी पर सवाल उठाया है। ओवैसी ने कहा है कि पीएम मोदी को इस मुद्दे पर बोलना चाहिए और प्रभावित लोगों से मुलाकात करनी चाहिए।
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दिल्ली हिंसा को लेकर ओवैसी ने एनडीए नेताओं की खामोशी पर भी सवाल उठाए। हैदराबाद में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा, "मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछना चाहता हूं कि क्यों उन्होंने दिल्ली हिंसा पर एक भी शब्द नहीं कहा, जबकि घटना उनके आधिकारिक आवास से कुछ किलोमीटर दूर की है। हिंसा में 40 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। पीएम मोदी को इस मामले में बोलना चाहिए और एक बार हिंसा प्रभावित शिव विहार का दौरा करना चाहिए क्योंकि हिंसा में मारे गए सभी व्यक्ति हिंदुस्तानी थे।"
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