एक्यूआई 300 के आंकड़े को पार कर गया है। इस सीजन में यह पहली बार है, जब हवा बहुत खराब श्रेणी में आ गई है। यह सुरक्षित स्तर से दो गुना खराब हो गई है। सफर इंडिया के प्रदूषण रीडिंग्स के अनुसार, पीएम 2.5 तेजी से बिगड़कर 131 हो गया है, जो बहुत खराब श्रेणी है। पीएम10 का स्कोर 241 पर रहा, जो मॉडरेट श्रेणी में काफी बेहतर है। जानकारों का कहना है कि पीएम 2.5 प्रदूषक खतरनाक तरीके से तेजी से बढ़ रहे हैं।
सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरमेंट (सीएसई), एयर पॉल्यूशन कंट्रोल यूनिट के प्रोग्राम मैनेजर विवेक चट्टोपाध्याय ने कहा कि ठहरे हुए मौसम की वजह से वायु की गुणवत्ता तेजी से बिगड़ रही है और यह बहुत खराब श्रेणी में पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि सीपीसीबी निगरानी पोर्टल के अनुसार, बुधवार को औसत पीएम 2.5 दोपहर को 134.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा, जो 24 घंटे में सुरक्षित स्तर से दोगुना अधिक है। उन्होंने कहा कि इसमें आगे गिरावट को रोकने के लिए अधिकारियों को सभी उत्सर्जन स्रोतों पर कार्रवाई को तेज करना चाहिए।
सफर ने कहा कि उत्तर भारत में वायु की गुणवत्ता के लिए देर से मानसून की वापसी अच्छी नहीं है, क्योंकि यह समय जाड़े की तरफ जाने का है। अक्टूबर के चौथे सप्ताह में तापमान में गिरावट होगी। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, बहुत ही खराब श्रेणी की हवा से ज्यादा समय तक रहने से श्वास संबंधी दिक्कतें पैदा हो सकती हैं।