इन सबके बीच मच्छर जनित डेंगू बुखार ( Dengue Fever ) से हर साल कई लोगों की मौत हो जाती है। उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में डेंगू बुखार आम बात हो चुकी है। हर साल भारत समेत कई देशों में मानसून के दौरान डेंगू बुखार की शिकायतें काफी सामने आती है और उससे कई लोगों की मौत भी हो जाती है।
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मॉनसून के दौरान कई स्थानों पर पानी के संग्रह होने से डेंगू के मच्छर पनपते हैं और फिर लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। डेंगू मच्छर के लिए स्थायी यानि एक जगह पर जमा पानी एक प्रजनन भूमि के रूप में कार्य करता है। यह स्थिति फ्लू जैसे लक्षणों का कारण बनती है।
डेंगू बुखार के मामले कई वर्षों से सामने आ रहे हैं और अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है। लेकिन आज तक डेंगू बुखार के लिए कोई टीका नहीं बना है। ऐसे में मच्छरों के काटने से बचाव के लिए सभी आवश्यक सावधानियों का पालन करना महत्वपूर्ण है।
डेंगू बुखार के लक्षण और बचाव
डेंगू बुखार के लक्षण संक्रमित मच्छर द्वारा काटे जाने के चार से सात दिन बाद दिखाई देते हैं। यदि आपको ये लक्षण दिखे तो डॉक्टर से संपर्क करें-
– अचानक तेज बुखार जो 104- 106 डिग्री फॉरेनहाइट तक हो सकता है।
– तेज बुखार के साथ जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, त्वचा पर चकत्ते, मतली उल्टी और आंखों के पीछे दर्द होता है।
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आपको बता दें कि कुछ मामलों में डेंगू बुखार बहुत गंभीर हो जाता है। इसे डेंगू रक्तस्रावी कहा जाता है। यह रक्तचाप में अचानक गिरावट का कारण बनता है जिसके परिणामस्वरूप कुछ मामलों में मृत्यु हो जाती है।
डेंगू रक्तस्रावी बुखार के लक्षण हैं- जिगर का बढ़ना, संचार प्रणाली का खराब होना, नाक से खून बहना, तेज बुखार, क्षतिग्रस्त रक्त वाहिकाएं (त्वचा के नीचे रक्तस्राव), तेजी से सांस लेना, गंभीर पेट दर्द और थकान।
यदि आपको ये सभी लक्षण दिखाई दे रहे हैं या महसूस हो रहा है तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करें। डेंगू के इलाज के लिए खून की जांच कराना और प्लेटलेट काउंट के लिए निरंतर जांच जरूरी होता है।