एयरफोर्स स्टेशन पर हैंगर और अन्य सुविधाएं मौजूद होने से अब आसानी से यहां से हरक्यूलिस विमान किसी भी ऑपरेशन को अंजाम दे सकते हैं। भारतीय वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि इल्यूशिन-आईएल-78 मिड एयर रिफ्यूलर को भी पानागढ़ में तैनात किया गया है ताकि पूर्वी एयर कमांड की लड़ाकू ताकत और बढ़ाई जा सके।
भारत ने छह हरक्यूलिस विमानों को 2011 में खरीदा था। इन विमानों के पहले बेड़े की तैनाती अभी तक सिर्फ गाजियाबाद के हिंडन एयरफोर्स स्टेशन में थी। मार्च 2014 में एक विमान के क्रैश हो जाने से अब इनकी संख्या 5 ही बची है।
स्पेशल फोर्सेज की यूनिट इन हैंगरों में पूरे साजोसामान के साथ मौजूद रहेगी, ताकि किसी भी वक्त ऑपरेशन को अंजाम दिया जा सके। पानागढ़ इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां पर भारतीय सेना ने अपना यहां मुख्यालय बनाया है। वहीं वायुसेना के अधिकारियों के मुताबिक हरक्यूलिस को तैनात करने की योजना पहले से ही थी, डोकलाम में जारी विवाद का इससे कोई संबंध नहीं है।
हरक्यूलिस विमान लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी में उतर कर अपनी ताकत चीन को दिखा चुका है। यह हवाई पट्टी चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास मौजूद है। हरक्यूलिस की मदद से अब इस इलाके में आसानी से सैन्य सामग्री पहुंचाई जा सकती है। हरक्यूलिस को उतरने और उड़ान भरने के लिए ज्यादा बड़े रनवे की जरूरत नहीं पड़ती है।