scriptचीन को जवाब देने के लिए अर्जन सिंह एयरफोर्स स्टेशन पर विमानों की तैनाती | Deployment of aircraft at Arjan Singh Air Force Station to answer China | Patrika News

चीन को जवाब देने के लिए अर्जन सिंह एयरफोर्स स्टेशन पर विमानों की तैनाती

locationनई दिल्लीPublished: Aug 24, 2017 10:59:00 pm

Submitted by:

Rahul Chauhan

अर्जन सिंह एयरफोर्स स्टेशन पर सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस विमानों की तैनाती के लिए वायुसेना के इंजीनियर और कर्मचारी पिछले दो सालों से मेहनत कर रहे थे।

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नई दिल्ली: डोकलाम में भारत-चीन सीमा विवाद के बीच भारतीय वायुसेना ने अर्जन सिंह एयरफोर्स स्टेशन पर अपनी ताकत को दोगुना कर दिया है। अब इस स्टेशन से सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस विमानों को आसानी से संचालित किया जा सकता है। अब तक सिर्फ गाजियाबाद के हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर ही इन विमानों की तैनाती हो पाई थी। अर्जन सिंह एयरफोर्स स्टेशन पर सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस विमानों की तैनाती के लिए वायुसेना के इंजीनियर और कर्मचारी पिछले दो सालों से मेहनत कर रहे थे।
चारों ओर से चाक चौबंद व्यवस्था
एयरफोर्स स्टेशन पर हैंगर और अन्य सुविधाएं मौजूद होने से अब आसानी से यहां से हरक्यूलिस विमान किसी भी ऑपरेशन को अंजाम दे सकते हैं। भारतीय वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि इल्यूशिन-आईएल-78 मिड एयर रिफ्यूलर को भी पानागढ़ में तैनात किया गया है ताकि पूर्वी एयर कमांड की लड़ाकू ताकत और बढ़ाई जा सके।
अमरीका से खरीदे गए थे 6 हरक्यूलिस विमान
भारत ने छह हरक्यूलिस विमानों को 2011 में खरीदा था। इन विमानों के पहले बेड़े की तैनाती अभी तक सिर्फ गाजियाबाद के हिंडन एयरफोर्स स्टेशन में थी। मार्च 2014 में एक विमान के क्रैश हो जाने से अब इनकी संख्या 5 ही बची है।
कई मायनों में अहम है तैनाती
स्पेशल फोर्सेज की यूनिट इन हैंगरों में पूरे साजोसामान के साथ मौजूद रहेगी, ताकि किसी भी वक्त ऑपरेशन को अंजाम दिया जा सके। पानागढ़ इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां पर भारतीय सेना ने अपना यहां मुख्यालय बनाया है। वहीं वायुसेना के अधिकारियों के मुताबिक हरक्यूलिस को तैनात करने की योजना पहले से ही थी, डोकलाम में जारी विवाद का इससे कोई संबंध नहीं है।
दौलत बेग ओल्डी पर उतर चुका है हरक्यूलिस
हरक्यूलिस विमान लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी में उतर कर अपनी ताकत चीन को दिखा चुका है। यह हवाई पट्टी चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास मौजूद है। हरक्यूलिस की मदद से अब इस इलाके में आसानी से सैन्य सामग्री पहुंचाई जा सकती है। हरक्यूलिस को उतरने और उड़ान भरने के लिए ज्यादा बड़े रनवे की जरूरत नहीं पड़ती है।
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