देश के एयरक्राफ्ट ऐक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) की जांच में इसकी पुष्टि हुई है। यही कारण है कि एएआईबी ने डीजीसीए से फटीग रिस्क मैनेजमेंट पॉलिसी बनाने को कहा है।
नई दिल्ली। बिना अनुमति के प्लेन की लैंडिंग वालं मामलों में पाया गया है कि ऐसा पायलटों ने थकान की वजह से किया था। देश के एयरक्राफ्ट ऐक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) की जांच में इसकी पुष्टि हुई है। यही कारण है कि एएआईबी ने डीजीसीए से फटीग रिस्क मैनेजमेंट पॉलिसी बनाने को कहा है। इसके साथ ही डीजीसीए से एयरलाइंस से क्रू फटीग-रिपोर्टिंग मेकनिजम पर भी काम करने को कहा गया है, जिसका उद्देश्य पायलट की थकान के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकना है।
बड़े हादसों की संभावना
बोर्ड ने यह सुझाव अपनी उस जांच रिपोर्ट के बाद दिया जिसमें पाया गया कि 12 अप्रैल, 2013 को मुंबई एयरपोर्ट पर एक फ्लाइट की लैंडिंग के समय थके हुए पायलटों ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल के क्लियरेंस के बिना ही लैंडिंग करा दी थी। जांच में यह भी पाया गया कि लैंडिंग का मुख्य कारण पायलटों की थकान थी। जिस समय लैंडिंग हुई उस समय रनवे पर दो जीप कार पट्रोलिंग कर रही थीं। बिना अनुमति के लैंडिंग कराना बड़े हादसे का कारण बन सकता था। हालांकि लैंडिंग के दौरान जीपों के हट जाने के कारण कोई हादसा नहीं हुआ। दोनों जीप सही समय पर रनवे से हटने में कामयाब हुईं, जिससे बड़ा हादसा टल गया।
पायलट ने थकान होने की कही बात
रिपोर्ट में बताया गया है लैंडिंग के बाद जब क्रू से बिना अनुमति के लैंडिंग का कारण पूछा बया तो दोनों सदस्यों थकान होने की बात कही। एएआईबी की रिपोर्ट में इस हादसे का कारण पायलट की थकान को ही बताया जिस कारण दोनों पायलट एटीसी से संपर्क भी नहीं साध पाए।
एयरबस में थे 81 यात्री
एएआईबी ने अपनी रिपोर्ट के माध्यम से बताया कि एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर (एटीसी) ने एयर इंडिया एयरबस 319 के विमान से संपर्क साधने का काफी प्रयास किया गया लकिन विमान ने बिना कोई संपर्क साधे बिना ही रनवे पर लैंडिंग की। उस समय विमान में 81 यात्री थे जिन्होंने अबू धाबी से उड़ान भरी थी।