सतह और समुद्र दोनों जगह मार करने में सक्षम
धनुष मिसाइल बिल्कुल सटीक तरीके से अपना निशाना भेदने में सक्षम है। यह धरती और समुद्र दोनों जगहों से 500 किलो की क्षमता के साथ 350 किलोमीटर तक सटीक निशाने के साथ मार करने में सक्षम है। रक्षा बलों के सामरिक बल कमान (एसएफसी) ने इसके परीक्षण को अंजाम दिया।
धनुष मिसाइल बिल्कुल सटीक तरीके से अपना निशाना भेदने में सक्षम है। यह धरती और समुद्र दोनों जगहों से 500 किलो की क्षमता के साथ 350 किलोमीटर तक सटीक निशाने के साथ मार करने में सक्षम है। रक्षा बलों के सामरिक बल कमान (एसएफसी) ने इसके परीक्षण को अंजाम दिया।
परीक्षण पूरी तरह सफल
एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय नौसेना की एसएफसी की ओर से मिसाइल सफल प्रक्षेपण किया गया। परीक्षण के दौरान मिशन के सभी उद्देश्य पूरे हुए। मिसाइल परीक्षण एवं इसकी उड़ान के प्रदर्शन की निगरानी ओडिशा तट में राडार सुविधाओं और डीआरडीओ की टेलीमेट्री (दूरमापी) से की गई।
एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय नौसेना की एसएफसी की ओर से मिसाइल सफल प्रक्षेपण किया गया। परीक्षण के दौरान मिशन के सभी उद्देश्य पूरे हुए। मिसाइल परीक्षण एवं इसकी उड़ान के प्रदर्शन की निगरानी ओडिशा तट में राडार सुविधाओं और डीआरडीओ की टेलीमेट्री (दूरमापी) से की गई।
2015 में हुआ था पहला परीक्षण
एक चरण वाला और द्रव्य से प्रणोदित धनुष को रक्षा सेवाओं में पहले ही शामिल किया जा चुका है। यह एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (आईजीएमडीपी) के तहत रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से विकसित पांच मिसाइलों में से एक है। सूत्रों ने बताया कि पिछला सफल परीक्षण नौ अप्रैल 2015 को हुआ था।
एक चरण वाला और द्रव्य से प्रणोदित धनुष को रक्षा सेवाओं में पहले ही शामिल किया जा चुका है। यह एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (आईजीएमडीपी) के तहत रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से विकसित पांच मिसाइलों में से एक है। सूत्रों ने बताया कि पिछला सफल परीक्षण नौ अप्रैल 2015 को हुआ था।
इसी महीने अग्नि-1 बैलेस्टिक मिसाइल का भी हुआ था परीक्षण
इससे पहले इसी महीने भारत ने परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम स्वदेशी ‘अग्नि-1’ बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था, जो अग्नि-1 का 18वां संस्करण था।
इससे पहले इसी महीने भारत ने परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम स्वदेशी ‘अग्नि-1’ बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था, जो अग्नि-1 का 18वां संस्करण था।