विविध भारत

मोदी सरकार और संघ में बढ़ा टकराव, ये है पीछे की वजह

स्वदेशी जागरण मंच ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
मुरादाबाद में शनिवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करेंगे स्वदेशी जागरण मंच के कार्यकर्ता

नई दिल्लीOct 11, 2019 / 02:00 pm

Kaushlendra Pathak

नई दिल्ली। मोदी सरकार 2.0 में पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) का कोई सहयोगी संगठन मुखर होकर सड़क पर उतरने जा रहा है। आर्थिक क्षेत्र में काम करने वाले संघ से जुड़े संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने 16 देशों के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते(एफटीए) की प्रक्रिया में भारत के शामिल होने का विरोध किया है। इसके खिलाफ मंच ने देश भर में अभियान चलाने का निर्णय लिया है। जिला मुख्यालयों पर 12 अक्टूबर को प्रदर्शन कर जिलाधिकारियों के जरिए प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजे जाने की तैयारी है।
स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने ट्वीट कर बताया कि उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में शनिवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा जाएगा। दरअसल, क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी(आरसीईपी) के तहत कुल 16 देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता होना है। इन देशों में भारत भी शामिल है। इसी सिलसिले में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल थाइलैंड के बैंकांक में 11 से 12 अक्टूबर को होने वाली नौवीं क्षेत्रीय विस्तृत आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) की मंत्री स्तरीय बैठक में भाग लेने जा रहे हैं। बैंकाक में 4 नवंबर, 2019 को होने वाली नेताओं की तीसरी शिखर बैठक के पहले यह अंतिम मंत्री स्तरीय बैठक होगी।
पीयूष गोयल के इस बैठक में भाग लेने की भनक लगते ही संघ की संस्था स्वदेशी जागरण मंच ने केंद्र सरकार के रुख का विरोध करते हुए देशव्यापी अभियान चलाने का फैसला किया है। इसके लिए जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन कर जिलाधिकारियों को प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा जाएगा।

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