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जिस हिंसा में घायलों को डॉक्टर ने दी नई जिंदगी, उसी में मारा गया बेटा

Published: Jul 01, 2018 05:10:40 pm

Submitted by:

Shivani Singh

जम्मू-कश्मीर हिंसा में घायल लोगों को डॉक्टर अब्दुल गनी ने जिंदगी तो दे दी, लेकिन उसी हिंसा में मारे गए अपने बेटे फैजान खान को वह नहीं बचा पाए।

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जिस हिंसा में घायलों को डॉक्टर ने दी नई जिंदगी, उसी में मारा गया बेटा

नई दिल्ली। सोचिए एक डॉक्टर ने किसी हिंसा में घायल लोगों की जिंदगियां बचाई हो लेकिन उसी हिंसा में घायल अपने बेटे को बचा नहीं पाया हो तो उस पर क्या गुजरी होगी। ऐसा ही एक मामाल जम्मू-कश्मीर से सामने आया है। जहां एक डॉक्टर को पता चला की सेना के एनकांटर के दौरान हुई हिंसा में कुछ लोग घायल हैं, जिनका इलाज करना जरूरी। डॉक्टर इलाज के लिए जाते हैं लेकिन कुछ देर बात पता चलता है कि जिस हिंसा में घायल लोगों का वह इलाज कर रहे हैं, उसी हिंसा में उनका बेटा मारा गया है।

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क्या है पूरा मामला…

बता दें कि यह मामला जम्मू-कश्मीर के पुलवाला में हाल ही में सेना और पत्थरबाजों के बीच हुई झड़प का है। इस हिंसा की चपेट में आने से कई स्थानिय लोग घायल हुए थें। वहीं, कई लोगों की मौत भी हुई थी। इसी हिंसा में घायल लोगों का इलाज करने के लिए डॉक्टर अब्दुल गनी को बुलाया गया था। वे घायलों का इलाज भी कर रहे थे, तभी उन्हें फोन आया कि पत्थरबाजी की हिंसा में उनके 16 साल के बेटे फैजान खान की मौत हो गई है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फैजान हिंसा में गंभीर रुप से घायल हो गया था। उसे इलाज के लिए निजी हास्पिटल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे बचा पाने में असमर्थता जताते हुए हाथ खड़े कर दिए। इसके बाद उसे जिला अस्पताल लाया गया। जिला अस्पताल के प्रभारी चिकित्साधीक्षक ने बताया कि फैजान को गंभीर अवस्था में अस्पताल लाया गया था। हमने फैजान को बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन उसे बचा नहीं पाए। फिर बाद में थक-हारकर साथी चिकित्सकों ने फैजान के पिता डॉ. अब्दुल गनी खान को फोन किया और बेटे के मौत की जानकारी दी।

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जिस अस्पताल में हुआ था जन्म उसी में हुई मौत

बेटे की मौत की ख़बर सुन कर डॉक्टर अब्दुल गनी के पैरों तले जमीन खिसक गई। बता दें कि जिस अस्पताल में उनके बेटे की मौत हुई थी उसी अस्पताल में उसका जन्म भी हुआ था। फैजान के शव को पोस्टमार्टम के बाद घरवालों को सौंप दिया गया।

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