पिता की मौत के बाद विजयन पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी का भार आ गया और इन सबके बीच घूमने का तो सवाल ही नहीं उठता था। लेकिन विजयन की पत्नी ने उनके इस सपने को पूरा करने में खूब मदद की। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर कैसे विजयन कम आमदनी होने के बावजूद घूमने-फिरने के लिए पैसे जुटा पाते हैं? तो विजयन बैंक से लोन लेकर ट्रैवल करते हैं। फिर वापस आकर अगले तीन सालों में पैसे चुकाकर फिर नया लोन लेते हैं और यह सिलसिला इसी तरह चलता रहता है। विजयन एयर टिकट के लिए रोजाना 300 रुपये की बचत करते हैं।
विजयन पर हरी एम मोहन ने ‘इनविजिबल विंग्स’ नाम से एक डॉक्यूमेंट्री भी बनाई है। इस डॉक्यूमेंट्री में बताया गया है कि आखिर ऐसी कौन सी चीज है जो विजयन को सबकुछ पीछे छोड़कर दुनिया घूमने के लिए मजबूर करती है। डॉक्यूमेंट्री के निर्देशक हरि एम मोहन के मुताबिक, ‘मैं चाहता था कि लोग इस फिल्म को देखें और अपने सोए हुए सपनों को फिर से जगाकर उन्हें पूरा करने की प्रेरणा ले सकें। मैं इस फिल्म को भारत की दूसरी प्रांतीय भाषाओं में डब कर इसे गांव के लोगों को भी दिखाना चाहता हूं ताकि जिनके पास इंटरनेट नहीं है वो भी इसे देख सकें।’