स्वयंसेवकों ने बताया कि अब उस डॉग को एक पशु आश्रय गृह में स्थानांतरित कर दिया गया है। जहां उसकी देखभाल की जा रही है। कई दिनों से कुछ न खाने व पीने के चलते वह कमजोर हो गया था। जिसकी पशु आश्रय गृह में सही से देखभाल व जांच की जा रही है।
केरल में हर साल होते है 70-80 हाथी के तस्कर गौरतलब है कि केरल में इस तरह की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं। गर्भवती हथिनी से क्रूरता इस लिए चर्चा ज्यादा बटोर रहा है क्योंकि मीडिया ने इसे पूरी तवज्जों दी गई। वरना केरल में हर साल 70-80 हाथी के तस्करों आदि के चलते अपनी जान गंवा देते हैं और इसकी कहीं चर्चा भी नहीं होती है।
गाय की भी होती है तस्करी एक जानकारी के मुताबिक केरल में सुअरों को भी इसी तरह से मौत के घाट उतार दिया जाता है। जानवरों की बेहरमी से हत्या केरल में एक जाना आम बात है। हाथी, डॉग ही नहीं केरल में गाय को भी नहीं छोड़ा जाता है। उनकी भी तस्करी होती है। फिऱ भी कोई नहीं रोक पाता। ये कभी शोध के नाम पर तो कभी जानवरों से खेत बचाने के लिए तो अक्सर जंगली जानवरों के अंगों की तस्करी करके मोटी कमाई करने वालों के चक्कर में बेजुबान जानवार अपनी जान गंवा देते हैं।