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हथिनी के बाद फिर आया जानवर के साथ क्रूरता का मामला, मुंह पर बांध दिया टेप, हफ्तों भूखा प्यासा भागता रहा बेजुबान

Highlights- एक डॉग के मुंह को किसी ने टेप बांध दिया था- पीपुल्स फॉर एनिमल वेलफेयर सर्विसेज के स्वयंसेवकों (PAWS) ने एक डॉग को त्रिशूर जिले के ओलूर से बचाया गया-जानकारी के मुताबितक डॉग के मुंह में पिछले दो सप्ताह से इन्सुलेशन टेप से बंद किया हुआ था

नई दिल्लीJun 11, 2020 / 09:39 am

Ruchi Sharma

हथिनी के बाद फिर आया जानवर के साथ क्रूरता का मामला, मुंह पर बांध दिया टेप, हफ्तों भूखा प्यासा भागता रहा बेजुबान

नई दिल्ली. भारत जैसे तमाम देशों से हर दिन पशु-पक्षियों, जंगली जानवरों व बेजुबान के साथ क्रूरता व हिंसा की खबरें आती रहती हैं। हालही में केरल (Kerala) में अनानास (फल) (Pineapple (fruit)) के अंदर विस्फोट रखकर एक गर्भवती हथिनी को मौत के घाट उतार दिए जाने की खबर से पूरा देश झकझोर कर रख दिया। इस घटना से पशु प्रेमी ही नहीं आम आदमी भी हतप्रभ रह गए। हर कोई गर्भवती हथिनी (pregnant elephant) के लिए इंसाफ मांगने लगा। एक एेसी ही घटना केरल में फिर सामने आई है। जहां एक डॉग के मुंह को किसी ने टेप बांध दिया था। पीपुल्स फॉर एनिमल वेलफेयर सर्विसेज के स्वयंसेवकों (PAWS) ने एक डॉग को त्रिशूर जिले के ओलूर से बचाया गया। जानकारी के मुताबितक डॉग के मुंह में पिछले दो सप्ताह से इन्सुलेशन टेप से बंद किया हुआ था। जिससे उसे बोलने में खाने में परेशानी हो रही थी। डॉग ने पिछले दो हफ्तों से कुछ खाया भी नहीं था। वह कमजोर हो गया था।
स्वयंसेवकों ने बताया कि अब उस डॉग को एक पशु आश्रय गृह में स्थानांतरित कर दिया गया है। जहां उसकी देखभाल की जा रही है। कई दिनों से कुछ न खाने व पीने के चलते वह कमजोर हो गया था। जिसकी पशु आश्रय गृह में सही से देखभाल व जांच की जा रही है।
केरल में हर साल होते है 70-80 हाथी के तस्कर

गौरतलब है कि केरल में इस तरह की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं। गर्भवती हथिनी से क्रूरता इस लिए चर्चा ज्यादा बटोर रहा है क्योंकि मीडिया ने इसे पूरी तवज्जों दी गई। वरना केरल में हर साल 70-80 हाथी के तस्करों आदि के चलते अपनी जान गंवा देते हैं और इसकी कहीं चर्चा भी नहीं होती है।
गाय की भी होती है तस्करी

एक जानकारी के मुताबिक केरल में सुअरों को भी इसी तरह से मौत के घाट उतार दिया जाता है। जानवरों की बेहरमी से हत्या केरल में एक जाना आम बात है। हाथी, डॉग ही नहीं केरल में गाय को भी नहीं छोड़ा जाता है। उनकी भी तस्करी होती है। फिऱ भी कोई नहीं रोक पाता। ये कभी शोध के नाम पर तो कभी जानवरों से खेत बचाने के लिए तो अक्सर जंगली जानवरों के अंगों की तस्करी करके मोटी कमाई करने वालों के चक्कर में बेजुबान जानवार अपनी जान गंवा देते हैं।

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