नेपाल को भेजा था प्रस्ताव दरअसल, 25 अप्रैल 2015 में आए भयानक भूकंप के बाद अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों ने इस बात की आशंका जाहिर की है कि एवरेस्ट की ऊंचाई कम हो गई है। इसकी पुष्टि को लेकर सर्वे ऑफ इंडिया और नेपाली अथॉरिटी के संयुक्त तत्वावधान में एवरेस्ट की ऊंचाई को दोबारा नापने का काम चल रहा था। इसके लिए सर्वे ऑफ इंडिया ने नेपाल के विदेश मंत्रालय को एक प्रस्ताव बनाकर भेजा था। सर्वे ऑफ इंडिया के मुताबिक नेपाल के विदेश मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेज दिया गया है, लेकिन इस संबंधमें नेपाल की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं मिल पाया है। जिस कारण इस प्रोजेक्ट में अभी रूका पड़ा है।
भारत से हुआ दूर, चीन ने बढ़ाई नजदीकी सर्वे ऑफ इंडिया के अधिकारियों का मानना है कि पिछले कुछ सालों में भारत का सबसे करीबी कहे जाने वाला नेपाल उससे छिटक गया है और चीन के पाले में चला गया है। पिछले कुछ ही समय में चीन ने नेपाल से अधिक नजदीकी बढ़ा ली है, जिसका असर भारत और नेपाल के द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ा है। डोकलाम विवाद को लेकर भी चीनी राजनयिक ने नेपाल के राजनयिक से मुलाकात की थी। यही कारण है कि नेपाल भारतीय प्रस्तावों के प्रति उदासीन रवैया अख्तियार किए है। हालांकि अधिकारियों का मानना है कि उन्हें नेपाल सरकार से पूरा समर्थन हासिल होगा। उन्होंने कहा कि नेपाल इसमें भारत का साथ देगा। वहीं विदेश मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया कि एसओआई द्वारा भेजा गया प्रस्ताव अभी भी नेपाल अथॉरिटी के विचाराधीन है।