यरुशलम को इजराइल कीं राजधानी के रूप में मान्यता देने के अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले का विरोध एशियाई देशों में भी विरोध शुरु हो गया है।
शुक्रवार को इंडोनेशिया और मलेशिया में मुसलमानों ने विरोध प्रदर्शन करके अमरीका के इस फैसले की आलोचना की। इसी तरह जकार्ता और कुआलालंपुर में में लोगों ने फलस्तीन के झंडे हाथों में लेकर लोगों ने उसके प्रति अपना समर्थन जताया।
इंडोनेशिया दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश माना जाता है। रिपोर्टों के अनुसार- हाल के सालों में वहां कट्टरपंथियों का प्रभाव बढ़ा है। खबरों के मुताबिक अब तक किसी भी मुस्लिम देश ने अमरीका के इस फैसले का समर्थन नहीं किया है।
इस्लामी अतिवादी संगठन हमास ने इजरायल के खिलाफ नए सिरे से संघर्ष छेड़ने की अपील की है। ये संगठन फलस्तीनियों के हकों के लिए हिंसक संघर्ष का रास्ता अपनाता है। हमास ने शुक्रवार का दिन आक्रोश दिवस के रूप में मनाते हुए अमरीका के फैसले के प्रति विरोध जताया।
दुनिया के अन्य हिस्सों में विरोध प्रदर्शन होने की खबर है। हालांकि इस बीच इजरायल ने पूर्वी यरुशलम में नए आवास बनाने की घोषणा कर दी है।
फैसले के विरोध में वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में भी अमरीका के खिलाफ प्रदर्शन किए गए। इस दौरान पथराव भी हुआ। अमरीका विरोधी नारे लगाए गए और इजरायली सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंगे गए। इजरायल ने दोनों इलाकों में सेना बढ़ा दी है।