मोदी सरकार ने इस योजना को हरी झंडी दे दी है। इसके लिए 4 फर्मों ने निविदाएं भेजी हैं। यह प्रोजेक्ट 800 करोड़ रुपए का है…
नई दिल्ली। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) दिल्ली-एनसीआर में पॉड टैक्सी प्रोजेक्ट का काम शुरू करेगा। मोदी सरकार ने इस योजना को हरी झंडी दे दी है। इसके लिए 4 फर्मों ने निविदाएं भेजी हैं। यह प्रोजेक्ट 800 करोड़ रुपए का है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि
दिल्ली और मानेसर के बीच कुल 4,000 करोड़ रुपए की लागत वाली सार्वजनिक परिवहन
परियोजना मेट्रिनो पर दो महीनों में काम शुरू हो जाएगा। मेट्रिनो चालक रहित
परिवहन प्रणाली है जो रोपवे पर चलती है। इस टैक्सी के जरिए 30 किलोमीटर का
सफर दस मिनट में तय किया जा सकेगा। इसका किराया दस रुपए होगा।
परिवहन
मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि नई दिल्ली में धौला कुआं से हरियाणा के
मानेसर तक मेट्रिनो परियोजना के निर्माण के लिए चार निविदाएं मिली हैं।
उन्होंने टीसीआई और आईआईएम कोलकाता की ‘भारत में सड़क मार्ग द्वारा माल
ढुलाई की परिचालन दक्षता’ विषय पर संयुक्त रिपोर्ट जारी करने के मौके पर यह
बात कही।
850 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान
70 किलो
मीटर मार्ग पर मेट्रिनो चलने से राष्ट्रीय राजधानी में भीड़भाड़ कम होगी और
यातायात सुगम होगा। गडकरी ने कहा कि रोपवे जैसी प्रणाली बिजली पर काम करती
है। यह चालक रहित पॉड होगा जो निर्धारित स्टेशनों पर रुकेगा। इस पर करीब
850 करोड़ खर्च होने का अनुमान है।
पांच सवारी जा सकेंगी
यह
पॉड शेयरिंग ऑटो की तरह भी प्रयोग हो सकेगी। इसमें एक बार में पांच लोग
सफर कर सकेंगे। इसमें यात्रियों के लिए यह भी सुविधा होगी कि वे एक पॉड को
किराए पर ले सकें। विशेषज्ञों का मानना है कि निविदा प्रक्रिया के पश्चात
एक साल में यह चालू हो सकती है।
दिल्ली सरकार ने भी बनाई थी योजना
विदेशों
में यह योजना लागू होने के बाद इसे देश में लाने की पहल की गई है।
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में दिल्ली सरकार ने योजना बनाई थी। लेकिन यह
योजना आगे नहीं बढ़ पाई थी। दिल्ली वालों को बेहतर यातायात का यह विकल्प
मिल सकेए इसके लिए केंद्रीय परिवहन मंत्री ने धौलाकुंआ से मानेसर तक यह
सेवा शुरू करने की बात कही है।
लागत भी कम
गडकरी ने कहा
कि मेट्रिनो की पूंजी लागत 50 करोड़ रुपए प्रति किलोमीटर है जबकि मेट्रो के
मामले में यह 250 करोड़ रुपए प्रति किलोमीटर है। उन्होंने कहा कि राजमार्ग
क्षेत्र में सुधार के लिए बड़े पैमाने पर काम जारी है।