गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले नेशनल इमरजेंसी रिस्पॉन्स सेंटर यानी एनईआरसी द्वारा जारी आंकड़ों मुताबिक इस मानसून में आए बारिश और बाढ़ की वजह से महाराष्ट्र में सर्वाधिक 139, केरल में 126, पश्चिम बंगाल में 116, गुजरात में 52 और असम में 34 लोगों की जान चली गई। अगर बात करें बाढ़ एवं बारिश से प्रभावित क्षेत्रों की तो महाराष्ट्र में 26, पश्चिम बंगाल में 22, असम में 21, केरल में 14 और गुजरात में 10 जिले इसकी चपेट में हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश के भी बड़े हिस्से में बाढ़-बारिश का प्रकोप है।
एनआईआरसी की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि असम में बारिश और बाढ़ से बुरा हाल है। यहां 10.17 लोग बारिश और बाढ़ की चपेट में आकर परेशान हैं। यहां तकरीबन 2.17 लाख लोगों ने राहत शिविरों में शरण ले रखी है। वहीं, पश्चिम बंगाल भी मानसून के कहर से जूझ रहा है और यहां बाढ़-बारिश की वजह से 1.61 लाख लोग प्रभावित हैं। बाढ़-बारिश से प्रभावित लोगों की मदद के लिए सरकार ने नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (एनडीआरएफ) की आठ टीमें तैनात की हैं।
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी के गृहराज्य गुजरात में भी बाढ़-बारिश का कहर जारी है। यहां करीब 16 हजार लोगों को बाढ़ और बारिश से प्रभावित स्थानों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। गुजरात के प्रभावित हिस्सों में एनडीआरएफ की 11 टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं। इसके अलावा केरल में 1.43 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। राज्य में 125 लोग बाढ़ के चलते जान गवां चुके हैं और 9 लोग लापता हैं।
महाराष्ट्र में बारिश की तबाही से 117 लोग घायल हुए हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश में बारिश के चलते 70 की जान चली गई है और 68 घायल हैं। प्रदेश में आपदा प्रबंधन की 7 टीमें लगाई गई हैं। उत्तराखंड में तमाम स्थानों पर हो रही लगातार बारिश के चलते प्रदेश सरकार ने आपदा प्रबंधन विभाग को हाई अलर्ट पर रखा है। वहीं, मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में और ज्यादा बारिश का अनुमान जताते हुए सावधान रहने को कहा है।