जिस गांव में गरीबी की वजह से आदिवासियों की परंपरा है वो गुमला जिला का चरकटनगर गांव है। गांव के लोगों में परंपरा है कि जो दंपती अपनी शादी की दावत नहीं देता है उसकी शादी को मान्यता नहीं दी जाती। यह गांव क्षेत्र में उस समय चर्चा में आया जब लोगों को इस समस्या से राहत दिलाने के लिए एक गैर सरकारी संस्था ने 132 जोड़ो का सामूहिक विवाह कराया और मेहमानों को दावत भी खिलाई। आदिवासी परंपरा के अनुसार विवाहित जोड़ों के दोस्तों और रिश्तेदारों को भोज में आमंत्रित किया गया।
आपको बता दें कि झारखंड के ओरांव, मुंडा और हो आदिवासियों के बीच लिव-इन में रहना सामान्य है। इन समुदायों के लोग आर्थिक रूप से काफी पिछड़े होते हैं और शादी दावत के लिए खर्चा उठा पाने में सक्षम नहीं होते हैं। इसलिए ये परंपरा लंबे अरसे से चली आ रही है।