क्यूआर कोड (QR code) स्कैन करना होगा इसके बाद भीम, यूपीआई, पेटीएम सहित अन्य डिजिटल माध्यमों से किराए का भुगतान कर सकेंगे। बसों में कांटेक्ट लेस टिकटिंग सिस्टम विकसित करने के लिए इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (Indraprastha Institute of Information Technology) (आईआईआईटी) की टीम ने एप्लीकेशन प्रोग्राम इंटरफेस (Application program interface) (एपीआई) और चार्ट-आर नाम से एप विकसित किया है।
आईआईआईटी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रवेश के मुताबिक क्लस्टर बसों में इसका ट्रायल हो चुका है। जल्द ही डीटीसी बसों में भी ट्रायल के बाद यात्रियों के लिए यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। जानिए कैसे करेगा काम…
– यह प्रणाली पूरी तरह कांटेक्ट लेस होगी
– इसके लिए यात्रियों को सबसे पहले अपने मोबाइल फोन में प्ले स्टोर में जाकर एप डाउनलोड करना होगा
– एप में एक से दूसरे स्थान तक जाने की पूरी जानकारी के साथ किराए का भी विवरण दर्ज होगा
– यात्री को बस में सवार होने के बाद अपने गंतव्य की जानकारी देनी होगी
– इसके साथ ही किराए की राशि दिखाई देगी
– इसके बाद यात्री बस में लगे क्यूआर कोड को स्कैन कर भीम, यूपीआई, पेटीएम सहित अन्य डिजिटल माध्यमों से किराए का भुगतान कर सकेंगे
– एप से पहली बार टिकट लेते समय ही यात्री को अपना विवरण दर्ज करना होगा
– अगली बार सफर करने पर सिर्फ गंतव्य की जानकारी दर्ज करनी होगी, इसके साथ ही किराए के भुगतान का विकल्प सामने होगा
मिलेगी यात्रियों को राहत माना जा रहा है कि इसके ट्रायल के बाद सरकार की मंजूरी मिल जाएगी। जुलाई महीने के आखिरी तक ये सुविधा बस में मिलना शुरू हो जाएगी। इससे छुट्टा पैसा रखने व न होने पर भी समस्या नहीं होगी। जानकारी हो कि डीटीसी और क्लस्टर बसों में कार्ड स्वैप कर टिकट खरीदने का प्रावधान है। लेकिन ज्यादातर बसों में मशीन खराब होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। नई व्यवस्था से यात्रियों को काफी राहत मिलेगी।