17 अप्रैल को भी भूकंप से दहला था गुजरात गौरतलब है कि 17 अप्रैल को भारत समेत जापान में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। देश में गुजरात और मणिपुर में हल्के भूकंप के झटके महसूस किए गए। गुजरात में भूकंप की तीव्रता 4.5 मापी गई थी। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केन्द्र के मुताबिक भूकंप सुबह 9 बजकर 25 मिनट पर आया जो 10 किलोमीटर की गहराई पर केन्द्रित था। मणिपुर के चंदेल में सुबह 8 बजकर एक मिनट पर 3.2 तीव्रता का भूकंप आया। वहीं जापान में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने जापान मेट्रोलॉजिकल एजेंसी के हवाले से बताया कि भूकंप का केन्द्र इबाराकी थी,जो प्रशांत महासागर से सटा और टोक्यो के पूर्वोत्तर में है।
2001 में गुजरात में भारी तबाही बता दें कि 2001 में गुजरात में भूकंप से भारी नुकसान हुआ था। सबसे ज्यादा तबाही भुज में हुई थी। कच्छ और भुज में 12 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। जापान के इबाराकी प्रांत में रविवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 5.0 मापी गई।
दिल्ली है खतरनाक जोन वहीं 2017 में दिल्ली समेत हरियाणा तथा पश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इन झटकों की तीव्रता 3.5 आंकी गई। भूकंप का केन्द्र हरियाणा के महेन्द्रगढ़ था । दिल्ली है खतरनाक जोन में देश की राजधानी दिल्ली सहित आसपास का एरिया (जैसे) एनसीआर सिसमिक जोन चार में आता है। भूकंप के लिहाज से बेहद खतनाक माना जाता है। हालांकि सिसमिक जोन पांच सबसे खतनाक होता है। दिल्ली के यमुना से लगे होने की वजह से दिल्ली में भूकंप का खतरा और भी बढ़ जाता है। नदी से सटे हुए इलाकों में भूकंप ज्यादा प्रभावशाली होता है या कहें की अधिक खतरनाक होता है।