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भारत-म्यांमार सीमा पर भूकंप के झटके, असम में दो की मौत

Published: Apr 14, 2016 08:35:00 am

Submitted by:

Rakesh Mishra

भारत-म्यांमार सीमा पर भूकंप के झटके महसूस किए गए, असम में दो लोगों की मौत, 70 अन्य घायल

 Earthquake in north east india

Earthquake in north east india

नई दिल्ली। भारत-म्यांमार सीमा पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप से असम में दो लोगों की मौत हो गई और 70 अन्य घायल हो गए। भूकंप के झटके पूर्वोत्तर, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और दिल्ली में भी महसूस किए गए। मौसम विभाग के अनुसार भूकंप शाम सात बजकर 25 मिनट पर आया। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.8 दर्ज की गई।

मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि भूकंप का केंद्र म्यांमार में भारत-म्यांमार सीमा से करीब 100 किलोमीटर दूर 23 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 94.9 डिग्री पूर्वी देशांतर पर सतह से 134 किमी की गहराई पर स्थित था। उन्होंने बताया कि भूकंप की गहराई 134 किलोमीटर थी इसलिए इसका असर काफी दूर तक महसूस किया गया। पश्चिम बंगाल के उत्तरी जिलों में भूकंप का असर ज्यादा देखा गया। कोलकाता मेट्रो की प्रवक्ता इंद्राणी बनर्जी ने बताया कि भूकंप के तुरंत बाद मेट्रो रेल सेवा पांच मिनट के लिए रोक दी गई। कोलकाता में भूकंप के तेज झटके महसूस होने के बाद लोग घरों और दफ्तरों से बाहर निकलकर सड़कों पर आ गए।

कोलकाता के ईडन गार्डन्स पिच पर मुंबई इंडियंस और कोलकाता नाइटराइडर्स के बीच आईपीएल मुकाबले में दोनों टीमें के कप्तान जिस वक्त टॉस के लिए मैदान पर उतरे, उसी वक्त भूकंप के झटके महसूस किए गए। कोलकाता और उत्तरपूर्वी भारत के राज्यों के अलावा बिहार की राजधानी पटना में भी भूकंप के झटके से लोगों में अफरा तफरी फैल गई। अरुणाचल प्रदेश और मेघालय के विभिन्न इलाकों में भी भूकंप के झटके महसूस किये गये। हालांकि इससे जान माल की नुकसान की खबर नहीं है। भूकंप के झटके ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर,कटक,पारादीप,भद्रक,बारीपदा,पुरी और अन्य इलाकों में भी महसूस किये गये। झटके महसूस होने के बाद लोग घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए।

हाल ही में आया था भूकंप
हाल ही में 10 अप्रैल को भी भारत सहित पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान के कुछ क्षेत्रों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इस भूकंप का केन्द्र अफगानिस्तान के हिंदुकुश पर्वत में था। उस समय 4 लोगों की मौत हो गई थी तथा लगभग 15 लोग घायल हो गए थे।

इसलिए आता है भूकंप
पृथ्वी की बाहरी परत में अचानक हलचल होती है जिससे उत्पन्न ऊर्जा इसका कारण होता है। यह ऊर्जा पृथ्वी की सतह पर भूकंप की तरंगें पैदा करती है। ये तरंगे धरती को हिलाकर प्रकट होती है।

भूकंप आने के कारण
भूकंप आने के दो कारण होते हैं-प्राकृतिक या मानवजनित। ज्यादातर भूकंप भूगर्भीय दोषों के कारण आते हैं। ये मुख्य दोष भारी मात्रा में गैस प्रवास, ज्वालामुखी, पृथ्वी के भीतर गहरी मीथेन, भूस्खलन अथवा नाभिकीय परिक्षण हैं।

ऎसे मापें भूकंप के झटके
भूकंप को सीस्मोग्राफ से मापा जाता है। भूकंप का क्षण परिमाण पारंपरिक रूप से मापा जाता है अथवा संबंधित और अप्रचलित रिक्टर परिमाण लिया जाता है। 3 रिक्टर कीतीव्रता से आने वाला भूकंपसामान्य होता है जबकि 7 रिक्टर से आने वाला भूकंक गंभीर क्षति पहुंचाने वाला होता है।

भूकंप आने पर होने वाले प्रभाव
भूकंप आने से जान-माल की हानि समेत कई रोग आदि होते हैं। ईमारतें, बांध, पुल आदि पृथ्वी के नाभिकीय ऊर्जा केंद्र को नुकसान पहुंचाते हैं। भूकंप से भूस्खलन व हिम स्खलन होता है, जिनसे पर्वतीय क्षेत्रों में क्षति होती है। इसके अलावा बिजली के तार टूटने से आग लग सकती है वहीं भूकंप से समुद्र के भीतर सुनामी आ सकती है। भूकंप से बांध टूटने पर बाढ़ आ सकती है।

भूकंप आने पर ऎसे करें बचाव
-भूकंपरोधी मकान का निर्माण करवाएं।
-आपदा किट बनाएं जिसमें रेडियो, मोबाइल, जरूरी कागजाजत, टार्च, माचिस, चप्पल, मोमबत्ती, कुछ पैसे और जरूरी दवाएं हों।
-भूकंप आने परबिजली और गैस बंद कर दें।
– भूकंप अपने पर लिफ्ट का प्रयोग बिल्कुल न करें।
– भूकंप आने पर खुले स्थान पर जाएं, पेड़ व बिजली की लाइनों से दूर रहें।
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