scriptमेघालय खदान: 15 मजदूरों का नहीं मिला कोई सुराग, 17वें दिन का रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म | East Jaintia Hills Meghalaya 17th day rescue operation ends no clue 15 miners | Patrika News

मेघालय खदान: 15 मजदूरों का नहीं मिला कोई सुराग, 17वें दिन का रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म

locationनई दिल्लीPublished: Dec 30, 2018 08:22:56 am

Submitted by:

Chandra Prakash

मेघालय की पूर्वी जयंतिया पहाड़ियों के कोयला खदान में फंसे 15 मजदूरों के लिए दुआ कीजिए

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मेघालय खदान: 15 मजदूरों का नहीं मिला कोई सुराग, 17वें दिन का रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म

नई दिल्ली। मेघालय के अवैध कोयला खदान में पिछले 17 दिन से फंसे 15 मजदूरों को बचाने की दिशा में शनिवार को भी निराशा ही हाथ लगी। हादसे के 17वें दिन मजदूरों को बचाने में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की सहायता के लिए भारतीय नौसेना के 15 गोताखोर पहुंचे। दिनभर राज्य के 21 दमकलकर्मियों के साथ ये टीम पूर्वी जयंतिया पहाड़ियों में अवैध कोयला खदान में मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश में जुटी रही लेकिन देर शाम तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ये है कि ये खदान अवैध होने की वजह से इसका कोई नक्शा नहीं है, जिसकी मदद से मजदूरों तक पहुंचा जा सके।

3 हेलमेट के अलावा कुछ नहीं मिला

एनडीआरएफ के अस्सिटेंट कमांडर एसके सिंह ने कहा कि हम अबतक खनिकों (मजदूरों) कर पहुंचने में नाकाम रहे हैं। हमें सिर्फ 3 हेलमेट के अलावा कुछ नहीं मिला है। हमारी टीम पूरी कोशिश कर रही है लेकिन अबतक कुछ ठीक नहीं हुआ है। आज शाम हो चुकी है और अंधेरे में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना संभव नहीं है, इसलिए अब रविवार को सूरज की पहली किरण के साथ हम काम पर जुट जाएंगे।

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370 फुट गहरे खदान में फंसे हैं 15 मजदूर

एनडीआरएफ की एक बचाव टीम ने कोयला खदान के मुख्य शाफ्ट में छानबीन की, फिर भी किसी मजदूर का पता नहीं लग सका। 370 फुट के कोयला खदान से लाखों गैलन पानी बाहर निकालने से पहले कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के निरीक्षक और खदान तकनीकी विशेषज्ञों ने घटनास्थल का सर्वे शुरू कर दिया है। किर्लोसकर ब्रदर्स लिमिटेड के परियोजना प्रबंधक ने आईएएनएस को बताया कि भारत की दिग्गज पंप निर्माता कंपनी पहले ही 10 उच्च क्षमता वाली पंप मशीनें घटनास्थल पर भेज चुकी है।

100 हॉर्सपॉवर पंप लगाने की योजना

सीआईएल विभिन्न जगहों से अपने 100 हॉर्सपॉवर के उच्च क्षमता वाले सबमरसिबल पंप को हवाई मार्ग से गुवाहाटी हवाईअड्डे तक पहुंचाने की योजना बना रही है, जिसके बाद पंपों को सड़क मार्ग से पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के कसान गांव पहुंचाया जाएगा। प्रत्येक पंप 500 गैलन प्रति मिनट की दर से पानी निकाल सकता है।

17 दिन पहुंची नौसेना की टीम

एनडीआरएफ के सहायक कमांडेंट संतोष कुमार सिंह ने बीते 17 दिनों में एनडीआरएफ और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) द्वारा चलाए गए अभी तक के अभियान के बारे में भारतीय नौसेना के गोताखोरों के टीम लीडर व ओडिशा दमकल सेवा के मुख्य दमकल अधिकारी सुकांत सेठी को अवगत करा दिया है। सिंह ने बताया कि मैंने उन्हें (भारतीय नौसेना और ओडिशा दमकल सेवाओं) हमारे बचाव अभियान और सोनार प्रणाली सहित विभिन्नों उपकरणों के बारे में बता दिया है, जिन्हें फंसे मजदूरों का पता लगाने के लिए हमने प्रयोग किया, लेकिन अभी तक सकारात्मक नतीजे सामने नहीं आ पाए।

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नक्शा नहीं होने की वजह से सबसे ज्यादा मुश्किलें

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अनुरोध पर ओडिशा दमकलकर्मी 10 उच्च क्षमता वाले पंपों सहित कई हाईटेक उपकरणों के साथ घटना स्थल पर पहुंचे हैं। सीआईएल के पूर्वोत्तर कोलफील्ड के महाप्रबंधक जे. बोराह ने बताया कि हमारे पास खदान का नक्शा नहीं है। यह हम सभी के लिए सबसे मुश्किल चुनौती है। उन्होंने कहा कि 100 हॉर्सपॉवर के आठ सबमरसिबल पंपों में से छह नागपुर, बिलासपुर, धनबाद और रांची से घटनास्थल की ओर पहुंचने वाले हैं। हम गुवाहाटी हवाईअड्डे से पंप मशीनों को हवाई मार्ग से यहां लाने की योजना बना रहे हैं।

दबाव बना तो एक्शन में आई सरकार

मेघालय पुलिस ने नरवान गांव से कोयला खदान के मालिक जरिन उर्फ क्रिप चुलेट को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा कि अवैध खदान गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए तलाशी अभियान जारी है। मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह और कोयला मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की और खदान में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए तुरंत केंद्रीय सहायता की मांग की।

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