इलेक्ट्रॉनिक तरीके से वसूला जाएगा टोल एक्सप्रेस वे के उद्घाटन से पहले परिवहन मंत्री
नितिन गडकरी ने कहा कि कहा कि एक्सप्रेसवे में केवल तय की गई दूरी के आधार पर टोल लिए जाएंगे और वाहनों की बाधा रहित आवाजाही के लिए इलेक्ट्रॉनिक तरीके से टोल वसूला जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक टोल लेने से ट्रैफिक जाम की समस्या पहले से काफी कम होगी। गडकरी ने आशा जताई की पूरा एक्सप्रेसवे अगले साल मार्च तक बनकर तैयार हो जाएगा।
एक्सप्रेस वे की ये है खासियत 135 किलोमीटर लंबाई वाले इस एक्सप्रेस-वे पर कुल 406 छोटे-बड़े पुल बनाए गए हैं। 14 लेन के दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे का पहला चरण निजामुद्दीन से यूपी गेट तक है। पहले के संभावित निर्माण अवधि 30 माह के बदले ये केवल 17 माह के ही रिकॉर्ड समय में बनकर तैयार हुआ है। इस एक्सप्रेस-वे पर 8 सौर संयंत्र लगाए गए हैं, जो 4 हजार मेगावाट की क्षमता वाली है। सड़क के दोनों ओर 2.5 मीटर चौड़ा साइकिल ट्रैक बनाया गया है। पैदल यात्रियों को चलने के लिए सड़क के दोनों ओर 1.5 मीटर का पैदल यात्री ट्रैक भी है। ऐसा ट्रैक देश के गिनेचुने राजमार्गों पर ही है।