scriptईडी ने कोर्ट से कहा- ‘हिरासत में भी गवाहों में डर पैदा कर रहे चिदंबरम’ | ED told the court- 'Chidambaram is creating fear among witnesses even in custody' | Patrika News

ईडी ने कोर्ट से कहा- ‘हिरासत में भी गवाहों में डर पैदा कर रहे चिदंबरम’

locationनई दिल्लीPublished: Nov 29, 2019 07:18:04 am

Submitted by:

Navyavesh Navrahi

ईडी के अनुसार- गवाहों ने पत्र लिखकर कहा न कराया जाए सामना
ईडी की जांच में हुआ 12 खातों का खुलासा
चिदंबरम ने याचिका रद्द वाले मामले को SC में दी चुनौती

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से महाधिवक्ता तुषार मेहता ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पी. चिदंबरम की उपस्थिति गवाहों में डर पैदा करती है। ईडी ने आईएनएक्स धन शोधन मामले में चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध किया है। मेहता ने न्यायमूर्ति आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ को बताया कि पूर्व वित्तमंत्री हिरासत में हों या ना हों, वे इस मामले के गवाहों को प्रभावित करने के लिए पर्याप्त हैं।
पूरी दुनिया मनी लॉन्ड्रिंग से जूझ रही

मेहता ने कोर्ट में कहा कि- “एक गवाह ने एक पत्र लिखा, और अन्य दो ने आग्रह किया कि ‘कृपया मेरा उनसे सामना ना कराएं।’ बेशक उनकी उपस्थिति से प्रभाव पड़ सकता है।” आर्थिक अपराधों की गंभीरता का हवाला देते हुए मेहता ने कोर्ट को बताया कि पूरी दुनिया धन शोधन से जूझ रही है।
जांच में हुआ 12 खातों का खुलासा

मेहता ने पीठ को बताया कि ईडी की जांच में 12 खातों का खुलासा हुआ है, जिनके माध्यम से अपराध हुआ और एजेंसी ने पतों के साथ 12 संपत्तियों की जानकारी जुटाई है। उन्होंने कहा कि ये संपत्तियां और खाते 16 देशों में पाए गए हैं। पीठ में दो अन्य न्यायाधीश- न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और ऋषिकेश रॉय हैं।
चिदंबरम ने याचिका रद्द वाले मामले को SC में चुनौती दी

चिदंबरम ने मामले में जमानत याचिका रद्द किए जाने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। मेहता ने शीर्ष अदालत को बताया कि आर्थिक अपराध हत्या के अपराध से अलग दर्जे का और गंभीर अपराध है और यह एक सफेदपोशी का अपराध है, जिससे एक आम आदमी का किसी संस्था में विश्वास डिगाने की क्षमता है।
चिदंबदम के बेटे की गिरफ्तारी अभी नहीं

मेहता ने जोर देकर कहा कि ईडी के मामले में चिदंबरम के बेटे कार्ति की अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है। ईडी ने जोर देकर कहा कि आईएनएक्स मीडिया मामले में जांच के बाद यह बात सामने आई है कि वित्तमंत्री रहने के दौरान चिदंबरम ने और भी एफआईपीबी मंजूरियां दी थीं।

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