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क्या कहा चुनाव आयोग ने…
इस पर मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग की टीम राज्य में केवल लोकसभा चुनावों पर निर्णय लेने के लिए आई है। वहीं, कांग्रेस महासचिव किशोर सहदेव ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘पार्टी ने यह भी मांग रखी कि जो अधिकारी बीते तीन वर्ष से एक ही जगह पर तैनात हैं, उन्हें चुनाव से पहले स्थानांतरित किया जाना चाहिए।’
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में एक साथ चुनाव की मांग
सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने कहा कि राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक ही दिन में होने चाहिए और मतदाता केंद्रों को बदला नहीं जाना चाहिए। बीजेपी ने कहा कि राज्य के अन्य जगहों पर चुनाव अन्य तिथियों पर हो सकता है। भाजपा विधायक राधा कृष्णा किशोर ने कहा, ‘पार्टी चुनावों के लिए तैयार है। राज्य में नक्सली घटनाओं में कमी आई है। शांतिपूर्ण चुनाव कराने में कोई समस्या नहीं है।’
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चुनाव व्यय विवरण दाखिल करने की अवधि बढ़ाई जाए
वहीं, राष्ट्रीय जनता दल(राजद) ने मांग की कि चुनाव एक चरण में होने चाहिए। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने मांग की कि चुनाव व्यय विवरण दाखिल करने की अवधि को 25 दिन से बढ़ाकर 60 दिन कर देना चाहिए।