उन्होंने बताया कि जुर्माना लगाने की यह तैयारी मार्च 2019 से सभी को सातों दिन निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिजली वितरण कंपनियों के नैतिक दायित्व को इलेक्ट्रिसिटी एक्ट, 2003 के जरिए बाध्यकारी सेवा दायित्व में बदला जाएगा। सिंह ने कहा कि सरकार मैन्युअल मीटर रीडिंग को खत्म करके ऐसा सिस्टम लाएगी जिसमें मानवीय हस्तक्षेप कम से कम होगा।
इसके अतिरिक्त यह अनिवार्य किया जाएगा कि वितरण कंपनियां अपने नुकसान की भरपाई ग्राहकों से नहीं कर पाएं। उन्होंने राज्यों के मंत्रियों से सभी को 24 घंटे बिजली देने का लक्ष्य हासिल करने के लिए बिजली वितरण हानि को 15 प्रतिशत से नीचे लाने पर जोर दिया।
सिंह ने 2018 तक 4 करोड़ परिवारों को बिजली कनेक्शन प्रदान करने के लिए सौभाग्य योजना शुरू करने की भी अपील की। सिंह ने कहा कि अभी देश में 15 से अधिक ऐसे राज्य हैं जहां बिजली वितरण हानियां 15 प्रतिशत से अधिक हैं। राज्यों को इसे 15 प्रतिशत से कम करना होगा।