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इन वजहों से गुरु से ‘जीवित भगवान’ बन गए शिवकुमार स्वामी, जानिए उनके जीवन की बड़ी बातें

Published: Jan 21, 2019 09:12:32 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

आइए बताते हैं सिद्धगंगा मठ के प्रमुख शिवकुमार स्वामी से जुड़ी कुछ ऐसी बातें जो अबतक शायद आप नहीं जानते हैं।

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इन वजहों से गुरु से ‘जीवित भगवान’ बन गए शिवकुमार स्वामी, जानिए उनके जीवन की बड़ी बातें

नई दिल्ली। कर्नाटक के तुमकुरु में सिद्धगंगा मठ के प्रमुख शिवकुमार स्वामी का 111 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। स्वामी बीते कुछ हफ्तों से फेफड़े के संक्रमण से जूझ रहे थे और जीवन रक्षक प्रणाली पर थे। उम्र संबंधी बीमारियों की वजह से हाल में कई बार उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। मंगलवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

आइए बताते हैं शिवकुमार स्वामी से जुड़ी कुछ ऐसी बातें जो अबतक शायद आप नहीं जानते हैं।

# अनुयायियों के बीच वॉकिंग गॉड (जीवित भगवान) कहे जाने वाले शिवकुमार स्वामी का जन्म 1 अप्रैल, 1907 को कर्नाटक के रामनगर जिले वीरपुरा गांव में हुआ था।

# शिवकुमार स्वामी कर्नाटक के तुमकुर में स्थित सिद्धगंगा मठ के प्रमुख संत थे। लिंगायत समुदाय का ये मठ करीब 300 साल पुराना है।

# वे अपने समर्थकों के बीच ‘साक्षात देवता’ के रूप में पूज्य और 12वीं शताब्दी के समाज सुधारक बासवा के अवतार माने जाने वाले, लिंगायत संत सिद्दगंगा एजुकेशनल सोसायटी के भी प्रमुख थे।

# सिद्दगंगा एजुकेशनल सोसायटी राज्य में लगभग 125 शैक्षणिक संस्थानों, इंजिनियरिंग कॉलेजों से लेकर बिजनस स्कूलों तक का संचालन करता है।

# मानवता और भाईचारे के लिए काम करने की वजह से शिवकुमार स्वामी को 1965 में कर्नाटक विश्वविद्यालय ने डॉक्टर ऑफ लिटरेचर की मानद उपाधि से सम्मानित किया था।

# 2007 में शिवकुमार स्वामी की 100 वर्ष की आयु पूरी होने पर कर्नाटक सरकार ने उन्हें प्रतिष्ठित कर्नाटक रत्न से सम्मानित किया। ये राज्य का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है।

# देश के सबसे उम्रदराज और उनके सामाजिक कार्यों को देखते हुए 2017 में कर्नाटक सरकार,लिंगायत समुदाय और भक्तों ने शिवकुमार स्वामी को भारत रत्न देने की मांग की थी। इससे पहले 2015 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया था।

# कर्नाटक के सभी 30 जिलों में सिद्धगंगा मठ का जाल फैला हुआ है। राज्य की 18 फीसदी लिंगायत समुदाय को देखते हुए राजनीतिक दलों का भी झुकाव मठ की ओर है। लिहाजा देश के लगभग सभी बड़े नेता शिवकुमार स्वामी से मुलाकात करते रहते थे।

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