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फारूक अब्दुल्ला का केंद्र सरकार पर आरोप, देश तोड़ने वाली ताकतों को दिया पैसा

Published: Mar 05, 2018 05:20:57 pm

नेहरु और पटेल को देश के बंटवारे का जिम्‍मेदार बताने के बाद फारूक अब्‍दुल्‍ला ने केंद्र सरकार पर अब एक और नया आरोप जड़ दिया है।

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जम्‍मू : भारत विभाजन को पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार वल्‍लभ भाई पटेल और मौलाना आजाद को जिम्‍मेदार बताने के बाद अब जम्‍मू कश्‍मीर के पूर्व मुख्‍यमंत्री और नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के वरिष्‍ठ नेता फारूक अब्दुल्ला अब केंद्र सरकार पर यह आरोप लगाया है कि देश तोड़ने वाली ताकतों को केंद्र सरकार ने वित्‍तीय सहायता दी थी। उन्‍होंने कहा कि कई शक्तियां ऐसी हैं, जो भारत को अलग करना चाहती हैं। वे चाहती हैं कि भारत का बंटवारा हो। इन्‍हें भारत सरकार की ओर से वित्तीय सहायता मुहैया कराई गई। पैसों से भरे बैग उन्हें भेजे जाते हैं, ताकि नेशनल कांफ्रेस को हरा सकें। उन्हें लगता था कि राज्य की सबसे बड़ी दुश्मन पार्टी नेशनल कांफ्रेस है। वह जम्‍मू के एक इवेंट में यह बोल रहे थे।

कहा, कसूर दिल्‍ली बैठे लोगों का
फारूक ने कहा कि उन्‍होंने उनसे कहा कि ये क्या कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि इन्हें भी साथ चलाना है। उस पर उन्‍होंने कहा कि जब ये लोग उनकी कब्रें खोदेंगे तब क्‍या बोलोगे। असल में कसूर हमारा नहीं है, बल्कि उनका है जो दिल्ली में बैठे थे।

हाल ही में पटेल और नेहरु को ठहराया था बंटवारे के लिए जिम्‍मेदार
फारूक अब्दुल्ला उन नेताओं में से हैं, जो अक्‍सर विवादित बयान देते रहते हैं। उन्‍होंने हाल ही में भारत के बंटवारे के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु, मौलाना अबुल कलाम आजाद और सरदार वल्‍लभ भाई पटेल को जिम्मेदार ठहराया था। उन्‍होंने कहा था कि भारत के बंटवारे के पीछे जिन्ना का हाथ नहीं था। जो कमीशन आया उसका हमारे पास आज भी रिकॉर्ड है। इसमें यह फैसला लिया गया था कि हम भारत का बंटवारा नहीं करेंगे, लेकिन मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय जैसे सिखों के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी। जिन्ना इस फैसले से सहमत थे, लेकिन नेहरु, पटेल और कांग्रेस नेता मौलाना कलाम ने इसे नहीं माना।

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