करीब 10 साल कर इसरो के अध्यक्ष रहे यूआर राव ने विक्रम साराभाई, एमजीके मेनन और सतीश धवन जैसे दिग्गज वैज्ञानिकों के साथ काम किया है।
Professor UR Rao
नई दिल्ली। विश्व विख्यात वैज्ञानिक और इसरो के पूर्व अध्यक्ष उडुपी रामचंद्रन राव यानि यूआर राव का रविवार देर रात निधन हो गया। भारत की अंतरिक्ष और उपग्रह की बेजोड़ क्षमता और देश के विकास का श्रेय राव को दिया जाता है। राव ने ही देश को पहला सैटेलाइट आर्यभट्ट दिय़ा था। करीब 10 साल कर इसरो के अध्यक्ष रहे यूआर राव ने विक्रम साराभाई, एमजीके मेनन और सतीश धवन जैसे दिग्गज वैज्ञानिकों के साथ काम किया है।
आइए इस महाने वैज्ञानिक के जीवन से जुड़ी 10 अहम बातें जानते हैं।
1. यूआर राव ने 1960 में अपने करियर की शुरुआत से ही भारत में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विकास में और प्राकतिक संसाधनों का दूर से पता लगाने में इस तकनीक के अनुप्रयोगों में अहम योगदान दिया है।
2. राव ने 1972 में भारत में उपग्र प्रौद्योगिकी की स्थापना की जिम्मेदारी ली ।
3.राव के दिशा निर्देशन में 1975 में पहले भारतीय उपग्रह आर्यभट्ट से लेकर 20 से अधिक उपग्रहों को डिजाइन और अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया।
4. राव द्वारा भारत में किए गए प्रक्षेपास्त्र प्रौद्योगिकी विकास की वजह से ही 1992 में देश ने एएसएलवी का सफल प्रक्षेपण किया जा सका।
5. भारत के लिए आर्यभट्ट से लेकर मार्स ऑर्बिट मिशन यानी मॉम के लिए राव ने लगातार काम किया और अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत को एक मील का पत्थर बना दिया
6. राव ने प्रसारण, शिक्षा, मौसम विज्ञान, सुदूर संवेदी तंत्र और आपदा चेतावनी के क्षेत्रों में अंतरिक्ष तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया।
7. 2013 में सोसायटी ऑफ सेटेलाइट प्रोफेशनल्स इंटरनेशनल ने प्रोफेसर राव को सेटेलाइट हॉल ऑफ फेम, वाशिंगटन में शामिल किया था