अब उठ रहे सवाल
कुछ लोगों ने इस पेंटिंग को मोनालिसा का पुरुष रूप तक कह डाला। कुछ इसकी प्राचीनता पर भी शक कर रहे हैं। बता दें, जब इस महीने पेंटिंग की नीलामी की खबर मीडिया में आई थी, तभी से इस कारोबार से जुड़े कुछ लोगों ने इसके बारे में अपनी अलग-अलग राय रखनी शुरू कर दी थी। न्यूयॉर्क टाइम्स से जुड़े जैरी सल्ट्ज ने लिखा है कि हालांकि वह किसी भी कला इतिहासकार या पेटिंग्स के विशेषज्ञ नहीं हैं लेकिन इस पेंटिंग को एक नजर में देखकर मैं कह सकता हूं कि यह लियोनार्डो की बनाई हुई नहीं है।
कुछ लोगों ने इस पेंटिंग को मोनालिसा का पुरुष रूप तक कह डाला। कुछ इसकी प्राचीनता पर भी शक कर रहे हैं। बता दें, जब इस महीने पेंटिंग की नीलामी की खबर मीडिया में आई थी, तभी से इस कारोबार से जुड़े कुछ लोगों ने इसके बारे में अपनी अलग-अलग राय रखनी शुरू कर दी थी। न्यूयॉर्क टाइम्स से जुड़े जैरी सल्ट्ज ने लिखा है कि हालांकि वह किसी भी कला इतिहासकार या पेटिंग्स के विशेषज्ञ नहीं हैं लेकिन इस पेंटिंग को एक नजर में देखकर मैं कह सकता हूं कि यह लियोनार्डो की बनाई हुई नहीं है।
कला पारखुओं का ये है कहना…
-पेंटिंग बिकने के बाद न्यूयॉर्क टाइम्स में ही कला समीक्षक जेसन फाएगो ने लिखा- मैं इस पेंटिंग के धार्मिक होने पर सवाल नहीं कर रहा हूं लेकिन मुझे नहीं लगता ये पेंटिंग 16वीं शताब्दी के लियोनार्डो ने बनाई होगी। इसमे कोई शक नहीं कि पेटिंग अच्छी है, लेकिन ये विंची की है, इसकी पुष्टि मैं नहीं कर सकता।
-ब्रिटिश के पेंटिंग्स डीलर चार्ल्स बेडिंग्टन के अनुसार भले ही पेंटिंग को देखकर सबको लग रहा है कि यह लियोनार्डो की बनाई हुई है, लेकिन अपने अनुभव के आधार पर मैं कह सकता हूं कि ऐसा नहीं है। इस पेंटिंग के बारे में पूरी जानकारी होना बहुत जरूरी है। आखिर ये बेहद ऊंचे दामों पर बिकने वाली है।
-कुछ का कहना है कि हो सकता है कि पेंटिंग लियोनार्डो की हो लेकिन इसे पूरी तरह से असली नहीं कहा जा सकता। हो सकता है कि पेंटिंग में कुछ बदलाव किए गए हों।
-कुछ कला समीक्षकों ने तो ये अजीब सवाल भी उठाया है कि यिद ये पेंटिंग इतनी पुरानी है, तो विंची इसे इटली से इग्लैंड कैसे लाए? घोड़े पर, बोट से या बैलगाड़ी पर रखकर? इसे लाने में उन्हें कितने साल लगे होंगे? चूंकि पंेटिंग की हालत देखकर नहीं लगता कि इसकी चमक में कोई अंतर पड़ा हो।
-पेंटिंग बिकने के बाद न्यूयॉर्क टाइम्स में ही कला समीक्षक जेसन फाएगो ने लिखा- मैं इस पेंटिंग के धार्मिक होने पर सवाल नहीं कर रहा हूं लेकिन मुझे नहीं लगता ये पेंटिंग 16वीं शताब्दी के लियोनार्डो ने बनाई होगी। इसमे कोई शक नहीं कि पेटिंग अच्छी है, लेकिन ये विंची की है, इसकी पुष्टि मैं नहीं कर सकता।
-ब्रिटिश के पेंटिंग्स डीलर चार्ल्स बेडिंग्टन के अनुसार भले ही पेंटिंग को देखकर सबको लग रहा है कि यह लियोनार्डो की बनाई हुई है, लेकिन अपने अनुभव के आधार पर मैं कह सकता हूं कि ऐसा नहीं है। इस पेंटिंग के बारे में पूरी जानकारी होना बहुत जरूरी है। आखिर ये बेहद ऊंचे दामों पर बिकने वाली है।
-कुछ का कहना है कि हो सकता है कि पेंटिंग लियोनार्डो की हो लेकिन इसे पूरी तरह से असली नहीं कहा जा सकता। हो सकता है कि पेंटिंग में कुछ बदलाव किए गए हों।
-कुछ कला समीक्षकों ने तो ये अजीब सवाल भी उठाया है कि यिद ये पेंटिंग इतनी पुरानी है, तो विंची इसे इटली से इग्लैंड कैसे लाए? घोड़े पर, बोट से या बैलगाड़ी पर रखकर? इसे लाने में उन्हें कितने साल लगे होंगे? चूंकि पंेटिंग की हालत देखकर नहीं लगता कि इसकी चमक में कोई अंतर पड़ा हो।
पेंटिंग के इतिहास की बात करें, तो ये स्पष्ट नीं है। इसके बारे में जो जानकारी मिलती है, उसके अनुसार- किसी समय ये फ्रांस के राजा लुई 12वें के पास थी। उसके बाद यह इंग्लैंड के राजपरिवार के पास पहुंची। फिर बहुत देर तक इसके बारे में कोई पता नहीं चलता कि ये कहां है। फिर सन 1958 में ये बात सामने आती है कि एक इंग्लिश कलेक्टर ने इसे 45 पाउंड में बेचा है। कुछ देर तक गुमनाम रहने के बाद 2005 में फिर ये सामने आता है कि इसे अमरीका के आर्ट डीलर्स ने 10,000 डॉलर से भी कम दाम में खरीदा है। बता दें कि मोनालिसा और द लास्ट सपर जैसी मशहूर पेंटिंग्स बनाने वाले दा विंची की आज दुनिया भर में 20 से भी कम ओरिजनल पेंटिंग्स बची हैं।