विपक्षी दल भी आरोप लगा रहे हैं कि ममता बनर्जी सरकार राज्य में डेंगू से होने वाली मौतों की संख्या को दबाने का प्रयास कर रही है।
नई दिल्ली| पश्चिम बंगाल के एक सरकारी डॉक्टर अरुणाचल दत्त चौधरी अपनी फेसबुक पोस्ट के कारण मुसबीत में फंस गए हैं। इस पोस्ट के कारण उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार उत्तर 24 परगना जिला स्थित बारासात जिला अस्पताल में तैनात 62 वर्षीय डॉ. चौधरी को उनकी फेसबुक पोस्ट के कारण सस्पेंड कर दिया गया। डॉ. चौधरी ने बंगाली में लिखी अपनी पोस्ट डेंगू से निबटने के लिए डॉक्टरों की असहाय स्थिति बयान की थी।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुक्रवार को जारी निलंबन आदेश में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर अरुणाचल दत्त चौधरी का पोस्ट ‘जनता में चीजें गलत तरह से पेश करने वाला और अस्पताल प्रशासन के लिए अपमानजनक है।’
डॉ. चौधरी ने अपनी पोस्ट में लिखा था कि वे युद्ध जैसी स्थिति में मरीजों का इलाज कर रहे हैं। जब मरीजों की संख्या 500 से भी पार कर गई तो काम करना और मुश्किल हो गया। केवल मरीजों की संख्या ज्यादा होने से ही इलाज करना असंभव नहीं है, बल्कि मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या के कारण पूरा अस्पताल बुरी स्थिति में है। अस्पताल में हर जगह मरीज पड़े हुए हैं, उनमें से किसी एक को ढूंढ़ना तक मुश्किल है।
दत्ता ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्न्हें निलंबित करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा- मैं 60 साल की उम्र में रिटायर हो जाता। लेकिन राज्य सरकार की ओर से डॉक्टरों की रिटायरमेंट की उम्र बढ़ा देने से मैं काम कर रहा हूं।’
जानकारी के अनुसार 30 अक्टूबर को राज्य की मुख्यमंत्री
ममता बनर्जी ने दावा किया था कि बंगाल में डेंगू से केवल 13 मौतें ही हुई हैं। जबिक उससे एक सप्ताह पहले चीफ सेक्रेटरी कह चुके थे कि राज्य में डेंगू से 34 मौते हुई हैं। बता दें कि विपक्षी दल भी आरोप लगा रहे हैं कि ममता बनर्जी सरकार राज्य में डेंगू से होने वाली मौतों की संख्या को दबाने का प्रयास कर रही है। इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियां ममता बनर्जी सरकार की आलोचना कर रही हैं।
एसोसिएशन ऑफ हेल्थ सर्विस डॉक्टर्स ने अपने एक बयान में सरकार के इस रवैये को अलोकतांत्रिक और अभिव्यक्ति की आजाती के विरुद्ध करार दिया है।