फैज़ाबाद के मुमताज नगर गांव में एक बुज़ुर्ग महिला रहती हैं। महिला का नाम रमापति है और उनकी उम्र 100 से भी ज़्यादा है, हालांकि रमापति अम्मा को भी अपनी उम्र के बारे में ठीक से पता नहीं है। बता दें कि रमापति इस उम्र में भी अपने परिवार में बिल्कुल अकेली हैं। उनके साथ उठने-बैठने के लिए, बात करने के लिए, साथ में खाना खाने के लिए कोई भी नहीं है। इतना ही नहीं किसी भी प्रकार की कोई आमदनी नहीं होने की वजह से कई बार तो उन्हें दो वक्त की रोटी भी नहीं मिल पाती थी। लेकिन हमारे देश में साक्षात भगवान के रूप में कुछ इंसान भी रहते हैं।
उन्हीं में से एक हैं फैज़ाबाद के डीएम अनिल कुमार पाठक। रमापति अपनी ज़िंदगी से हारकर डीएम दफ्तर पहुंची, ताकि वहां से कोई मदद मिल सके। रमापति अपने साथ अपना मतदाता कार्ड साथ ले गई थीं। लेकिन इस बूढ़ी अम्मा की हालत और उनकी दर्दभरी कहानी सुनकर डीएम ने उन्हें अपना सब कुछ दे दिया। कहने का सीधा मतलब ये है कि डीएम साहब ने बूढ़ी अम्मा को अपनी मां बना लिया। बता दें कि अम्मा की आगे की पूरी ज़िंदगी अब बहुत ही सुकून से कटेगी। डीएम ने अम्मा की सारी ज़िम्मेदारियां अपने कंधों पर ले ली हैं।
उससे पहले डीएम साहब ने भूखी अम्मा को नाश्ता कराया और उन्हें कुछ पैसे दिए ताकि वो शाम को कुछ खरीद कर खा सकें। दूसरी कोंख से पैदा हुआ अनजान बेटा पाकर अम्मा का दिल भर आया और जाते-जाते वो रो पड़ी। उनकी आंखों के साथ-साथ उनकी पलकें भीगी हुई थीं।