scriptरिपोर्ट: बाजार में बिक रहे नकली और जानलेवा सैनिटाइजर, हो रही हैं त्वचा संबंधी बीमारियां | Fake and deadly sanitizers are being sold in the market | Patrika News

रिपोर्ट: बाजार में बिक रहे नकली और जानलेवा सैनिटाइजर, हो रही हैं त्वचा संबंधी बीमारियां

Published: Sep 23, 2020 12:40:56 pm

Submitted by:

Ashutosh Pathak

Highlights.

कंज्यूमर गाइडेंस सोसाइटी ऑफ इंडिया ने सैनिटाइजर्स (Sanitizer) बिक्री को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट दी है
रिपोर्ट के मुताबिक, संस्था ने मुंबई और इसके आसपास के इलाकों से सैनिटाइजर्स के सैंपल एकत्रित किए
सैनिटाइजर्स के 122 सैंपल में 45 मिलवाटी मिले, जबकि 5 में खतरनाक मेथनॉल मिला था, जो जानलेवा होता है

sanitizer

संस्था ने भारतीय बाजार में बिक रहे सैनिटाइजर्स को लेकर रिपोर्ट दी है.

नई दिल्ली।

ग्राहकों के अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर काम करने वाली एक संस्था कंज्यूमर गाइडेंस सोसाइटी ऑफ इंडिया (Consumer Guidance Society of India) ने भारतीय बाजार में बिक रहे सैनिटाइजर्स को लेकर एक रिपोर्ट दी है। इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं। हालांकि, यह रिपोर्ट मुंबई और आसपास के इलाकों से लिए गए सैंपल और उन पर की गई रिसर्च पर आधारित है, लेकिन इसे सतर्क करने वाला एक उदाहरण मान सकते हैं, क्योंकि पिछले दिनों दिल्ली समेत देश के कई और शहरों में स्वाथ्स्य विभाग से जुड़ी टीमों ने अलग-अलग सैंपल एकत्रित कर लगभग ऐसे ही मामले पकड़े थे। इनसे स्पष्ट है कि किस तरह कुछ कंपनियां सैनिटाइजर्स के जरिए इस कोरोना संकट में भी लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर मोटा मुनाफा कमाने में जुटी हैं।
कंज्यूमर गाइडेंस सोसाइटी ऑफ इंडिया की इस रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में इस्तेमाल हो रहे सैनिटाइजर की गुणवत्ता बेहद खराब है, जबकि कोरोना से लडऩे में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के साथ-साथ सैनिटाइजर की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। यह तब है जब लोग लॉकडाउन खत्म हो चुका है और लोग काम के सिलसिले में बाहर निकल रहे हैं और कोरोना वायरस फैलने का खतरा बढ़ गया है, जिससे सैनिटाइजर की मांग भी बढ़ती जा रही है। लेकिन मिलावाटी सैनिटाइजर राहत की जगह आफत का सबब बन रहे हैं। बीबीसी में छपी खबर के अनुसार, कंज्यूमर गाइडेंस सोसाइटी ऑफ इंडिया ने जांच के लिए मुंबई और इसके आसपास के इलाकों से सैनिटाइजर्स के 122 सैंपल लिए। इसमें 45 सैंपल मिलावटी पाए गए। यही नहीं, 5 सैंपल में मेथनॉल मिला हुआ था, जो इंसानों के लिए बेहद नुकसानदेह है। वहीं, आधे से भी कम यानी सिर्फ 59 सैंपल पर लिखे लेबल के अनुसार ही कंपोजिशन थी।
122 में 45 सैंपल मिलावटी मिले
कंज्यूमर गाइडेंस सोसइटी ऑफ इंडिया के मानद सचिव डॉ एमएस कामथ के अनुसार, बाजार से लिए गए सैंपल पर गैस क्रोमैटोग्रॉफी टेस्ट किया गया। इनमें 45 सैंपल मिलावटी थे। यानी लेबल पर लिखे विवरण इससे मेल नहीं खाते। इसके अलावा, 5 सैंपल में मेथनॉल था, जबकि इसका इस्तेमाल प्रतिबंधित है। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। विशेषज्ञों के अनुसार, इससे त्वचा, आंखों और फेफडे को नुकसान पहुंच सकता है। इसका इस्तेमाल प्लास्टिक, पॉलिएस्टर और सॉल्वेंट्स के उत्पादन में होता है। इसके इस्तेमाल से उल्टी आना, सिर दर्द और ज्यादा इस्तेमाल करने से मौत तक हो सकती है।
WHO के फॉर्मूले पर हो सैनिटाइजर
वहीं, महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के अनुसार, खराब गुणवत्ता का सैनिटाइजर बेचना और इस्तेमाल करना ठीक नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सैनिटाइजर के लिए एक फॉर्मूला दिया है और उसी के तहत इसका उत्पादन होना चाहिए। अगर इसमें इथेेनॉल की मात्रा कम कर दी जाएगी, तो यह काम नहीं करेगा। मिलावटी सैनिटाइजर को बेचने से रोकने के लिए जल्द ही छापे मारने की कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन को जरूरी आदेश दिए गए हैं।
क्या सावधानी रखें
दूसरी ओर, कामथ का कहना है कि केंद्र सरकार ने भी उनकी रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। सरकार ने पूरी जानकारी मांगी है। यह रिपोर्ट फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन को दे दी गई है। कामथ के अनुसार, सरकार को जल्द से जल्द इस पर जरूरी कदम उठाने चाहिए, क्योंकि यह जनता की सेहत से जुड़ा मामला है। डब्ल्यूएचओ और केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत सैनिटाइजर में खुशबू नहीं होनी चाहिए। उस पर एक्सपायरी डेट स्पष्ट लिखी होनी चाहिए। साथ ही, निर्माता कंपनी का लाइसेंस नंबर भी लेबल पर होना चाहिए। सैनिटाइजर का पीएच लेवल 6 से 8 प्रतिशत होना चाहिए और रोगाणुओं को मारने की क्षमता करीब 99.9 प्रतिशत तक होनी चाहिए। सैनिटाइजर में इथाइल अल्कोहल की मात्रा 70 प्रतिशत से अधिक होनी चाहिए। हाथ या त्वचा रूखे न हों, इसके लिए ग्लिसरीन मिला हो। हालांकि, जिन्हें एलर्जी की शिकायत है, उन्हें खुशबू वाले सैनिटाइजर नहीं इस्तेमाल करने चाहिए। सबसे जरूरी बात यह कि सैनिटाइजर को बच्चों की पहुंच से दूर रखना चाहिए।
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