न्यूयॉर्क। मशहूर अमरीकन नारीवादी शीला माइकल का 78 साल की उम्र में देहांत हो गया। शीला आखिरी दिनों में लेकेमिया रोग की शिकार थी। शीला को मैसर्स (MS) को आम जीवन में लाने के लिए जाना जाता है। हालांकि इस मैसर्स शब्द की खोज माइकल ने नहीं की थी। लेकिन फिर भी उन्हें इसके मैसर्स का सही अर्थ बताने के लिए जाना जाता है। महिला के अलावा बच्चों की मदद मैसर्स मिर्सेज और मिस से अलग है। मैसर्स का अर्थ महिला के शादी का पैमाने से नहीं है कि वह शादीशुदा है या नहीं। माइकल ने मैसर्स (MS) को महिला की शादी की स्थिति से अलग है। शीला माइकल को नारीवाद के अलावा उन बच्चों के अधिकारों को भी लड़ती थी जिनके मां-बाप शादी नहीं होती थी घर के पते पर देखा था मैसर्स शीला ने कहा था कि उन्हें मैसर्स शब्द का मतलब पहले कभी नहीं सुना था। एक दिन वह एक घर के आगे से गुजर रही थी। तभी उन्होंने एक पते के ऊपर मैसर्स लिखा देखा। पहले उन्हें लगा कि यह टाइपिंग गलती है। पर बाद में उन्होंने इसके अर्थ को समझा और इसे महिला के शादी की स्थिति से अलग कराया।