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पूरा परिवार कार से पुणे जा रहा था
इंसानियत की मिसाल कायम करने वाले इस व्यक्ति का नाम इल्प्पा शांताराम आरोटे है। वह अपने पूरे परिवार के साथ कार से पुणे जा रहे थें। कार चलाते वक्त चालक की आंख लग गई, जिसकी वजह से कार अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी। खाई में गिरने की वजह से कार चालक सहित इलप्पा के एक बेटे और मां की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, उनकी पत्नी और 12 साल की बेटी गंभीर रुप से घायल हो गए।
डॉक्टरों ने बच्ची का ब्रेन डेड बताया
इलप्पा ने अपनी बेटी को गंभीर अवस्था में पुणे में भर्ती कराया। लेकिन बच्ची की बिगड़ती हालत को देख डॉक्टरों ने उसे मुंबई के कोहिनूर अस्पताल भेज दिया। बच्ची का अस्पताल में 8 दिन तक इलाज चलता रहा, लेकिन इलाज के बाद डॉक्टरों ने मंगलवार को उसका ब्रेन डेड घोषित कर दिया।
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अंगदान करने का दिया सुझाव
ब्रेन डेड होने के बाद डॉक्टरों ने इलप्पा को सुझाव दिया कि वह अपनी बेटी का अंगदान करें और दूसरों की जिंदगी बचाए। इलप्पा ने सुझाव को गंभीरता से लिया और अंगदान का फैसला किया। उन्होंने अपनी 12 साल की बच्ची की दोनों किडनी, लिवर, हार्ट और लंग दान कर दी, जिससे बाद 5 लोगों को नई जिंदगी मिली।