पढ़ें : कश्मीर में अब तक के सबसे बदतर हालात : कांग्रेस जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एसपपी वैद ने कहा कि वैसे तो पुलिस यहां हमेशा ही हाई अलर्ट पर रहती है। लेकिन इस 9 और 11 फरवरी को
ध्यान में रखते हुए विशेष चेतावनी जारी की गई है। बता दें 11 फरवरी को कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के फाउंडर मकबूल बट की भी बर्सी है।
अलगाववादी संगठन युनाइटेड जिहाद काउंसिल (यूजेसी) ने प्रदर्शन का समर्थन किया है। एहतिहातन सभी क्षेत्रों में अर्धसैनिक बल और केंद्रीय रिजर्व पुलिसबलों (सीआरपीएफ) को भी तैनात कर दिया गया है। बारामूला से जम्मू के बनिहाल के बीच रेल सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। हालांकि अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारुख नजरबंद हैं, जबकि मुहम्मद यासीन मलिक सेंट्रल जेल में बंद है।
गौर हो, इंडियन एयरलाइन के एक विमान को हाईजैक करने के बाद सन 2000 में मसूद अजहर नाम के आतंकी ने जैश-ए-मुहम्मद संगठन बनाया था। संगठन अब तक कई हमलों को अंजाम दे चुका है। 25 नवंबर 2015 को कुपवाड़ा में सेना पर हमला करने के लिए अफजल गुरु स्क्वॉड भी बनाया गया, जिसने आर्मी ब्रिगेड के तंगधार हेडक्वार्टर पर ग्रेनेड से हमला किया। इसके बाद आतंकियों को खत्म करने के लिए सेना ने आठ घंटे तक ऑपरेशन चलाया।
पठानकोट में हुए हमले में भी जैश का ही हाथ था। तब आतंकियों ने हाथ से लिखा एक नोट एसपी सलविंदर सिंह की गाड़ी पर चस्पा किया था, जिसमें लिखा था- जैश ए मोहम्मद जिंदाबाद, तंगधार से लेकर सांबा, कठुआ, राजबाग और दिल्ली तक अफजल गुरु शहीद के जानिसार तुम को मिलते रहेंगे इंशाअल्लाह एजीएस। एक रिपोर्ट में पुलिस के हवाले से कहा गया है कि जैश दक्षिण कश्मीर में सक्रिय है।