scriptकोरोना से जंग में हथियार बन रहे जुगाड़, इलाज में साबित हो रहे मददगार | Fight with Coronvirus jugad become weapons being helpful in treatment | Patrika News

कोरोना से जंग में हथियार बन रहे जुगाड़, इलाज में साबित हो रहे मददगार

locationनई दिल्लीPublished: Apr 10, 2020 12:51:30 pm

Coronavirus संकट के बीच जुगाड़ बने बड़े हथियार
वैन को बना दिया मोबाइल सैंपल कलेक्शन बूथ
पीपीई किट का भी दोबारा हो रहा इस्तेमाल

jugad in corona

कोरोना से जंग में मददगार जुगाड़

नई दिल्ली। देशभर में कोरोना वायरस ( coronavirus ) लगातार अपने पैर पसार रहा है। अब तक देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 6000 का आंकड़ा पार कर चुकी है। जबकि इस घातक वायरस के चलते करीब 200 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। केंद्र सरकार ( Central Govt ) के साथ राज्य सरकारें भी इस जानलेवा वायरस से निपटने के लिए कड़े कदम उठा रही है।
क्या आम क्या खास हर कोई इस जानलेवा बीमारी से बचने उपाय ढूंढने में लगा हुआ है। इसी कड़ी में कुछ ऐसे जुगाड़ भी किए जा रहे हैं कोरोना के इलाज में मददगार साबित हो रहे हैं।
भारत में जुगाड़ियों की कमी नहीं। गांव से लेकर शहर तक हर जगह छोटे से जुगाड़ से बड़े से बड़े काम निकाल लिए जाते हैं। ऐसा ही जुगाड़ अब कोरोना से लड़ने में भी मददगार साबित हो रहे हैं।
झारखंड के विभिन्न जिलों में कोरोना के खिलाफ जंग में बनाये गये जुगाड़ के हथियार देश के लिए मिसाल बन रहे हैं। यह न सिर्फ कोरोना संक्रमण नियंत्रण में कारगार साबित हो रहे हैं बल्कि आम लोगों और स्वास्थ्य कर्मियों के सुरक्षा कवच भी बन रहे हैं। इनमें से कई प्रयासों की सराहना नीति आयोग ने भी की है।
वैन को बनाया मोबाइल सैंपल कलेक्शन बूथ
रिम्स के सिविल सर्जन डॉ विजय बिहारी प्रसाद और उनकी टीम ने कोरोना सैंपल कलेक्शन वैन बूथ तैयार कर दी है। यह दूर दराज के इलाकों में जाकर भी संदिग्ध मरीज का सैंपल ले सकती है और उसे तत्काल टेस्ट लैब तक पहुंचा सकता है।
डॉ प्रसाद ने बताया कि गुरुवार से सैंपल कलेक्शन के लिए ऐसे चार वैन बूथ उपयोग में लाए जा रहे हैं। इस मोबाइल सैंपल कलेक्शन वैन में जो बूथ फिट किये गए हैं, उनका मॉडल चाईबासा के उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने पिछले दिनों कुछ स्थानीय इंजीनियरों की मदद से अपने घर पर ही विकसित किया है।
यह एक फोन बूथ के आकार का है, जिसके जरिये बगैर पीपीई किट के भी संदिग्ध का सैंपल लिया जा सकता है।

पीएम मोदी की अपील का भी बीजेपी नेताओं पर नहीं हो रहा असर, फिर उड़ाया लॉकडाउन का मखौल
17_1585910067.jpg
दोबार इस्तेमाल हो सकती है पीपीई किट

प्रदेश में दो तरह की पीपीई किट तैयार की गई हैं। पहली 90 जीएसएम तरपॉलिन प्लास्टिक से बने किट। खास बात यह है कि इनको धोने के बाद दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं दूसरी 50 जीएसएम एलडीपीई से बने किट हैं, जिनका इस्तेमाल एक ही बार किया जा सकता है।
कोरोना संकट के बीच बंदर बुखार ने बढ़ाया खतरा, सकते में प्रशासन

पीपीई किट की किल्लत को दूर करने के लिए रांची जिला प्रशासन ने महत्वपूर्ण पहल की है।

रिम्स के डॉक्टरों की ओर से तैयार पीपीई किट का मॉडल तीन स्थानीय कंपनियों को उपलब्ध कराकर बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन शुरू किया जा रहा है।
यह जिम्मेदारी अरविंद मिल्स, ओरियंट क्राफ्ट एंड आशा इंटरप्राइजेज को दी गई है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो