OMG: भारत में इतनी तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना केस कि दो दिन में पीछे छूट जाएगा इटली APEMC उद्योगों से कचरे को इकट्ठा करने की प्रक्रिया सुव्यवस्थित करेगा। फिर कचरे को श्रेणी के अनुसार खतरनाक या गैर-खतरनाक या ई-कचरे के रूप में छांटेगा। इसके बाद विभिन्न कचरा निपटान केंद्रों ( Waste Disposal Centres ) पर वैज्ञानिक रूप से इसका निपटान करेगा।
प्रदेश के ऊर्जा और पर्यावरण मंत्री बी श्रीनिवास रेड्डी ( Energy and Environment Minister B Srinivasa Reddy ) ने कहा, “आंध्र प्रदेश में लाल और नारंगी श्रेणियों के अंतर्गत आने वाले उद्योगों की एक बड़ी संख्या है। ये उद्योग भारी मात्रा में तरल अपशिष्ट, खतरनाक और गैर-खतरनाक ठोस कचरा और वायु प्रदूषक पैदा करते हैं। वे ई-कचरा भी उत्पन्न करते हैं और इसे भी ठिकाने लगाने की आवश्यकता है। अब तक पैदा होने वाले कुल कचरे को संभालने के लिए कचरा प्रबंधन प्रणाली पर्याप्त रूप से व्यवस्थित नहीं थी। इसलिए राज्य में पैदा होने वाले कचरे को सुव्यवस्थित और वैज्ञानिक रूप से निष्क्रिय करने के लिए एक उपयुक्त प्रणाली के इस्तेमाल की आवश्यकता है।”
प्रदेश के अधिकारी बड़ी मात्रा में तरल और ठोस कचरे से चिंतित हैं जो जल निकायों, नदियों, नहरों और समुद्र में बहाए जा रहे थे। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से जिन उद्योगों के पास अपनी कचरा निपटान प्रणाली नहीं है वे APEMC से संपर्क कर सकते हैं, जो कचरे के संग्रहण और सुरक्षित निपटान की व्यवस्था करेगा।
रेड्डी ने कहा, “APEMC कचरे के पैदा होने से लेकर उसे खत्म करने तक का काम संभालेगा। यह आंध्र प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (APPCB) के साथ घनिष्ठ समन्वय में काम करेगा, ताकि कचरे को पूरी तरह संभालने-निपटाने के लिए मजबूत नियामक ढांचा तैयार हो सके।”
PPE Kits पहनने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को लेकर केंद्र सरकार ने दी बड़ी जानकारी राज्य सरकार ने पर्यावरण मंत्रालय के तहत APEMC की स्थापना के लिए पिछले साल 5 दिसंबर को एक सरकारी आदेश जारी किया था। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की भूमिका उद्योगों और संगठनों को अपनी इकाइयों द्वारा उत्पन्न कचरे को सौंपने के लिए आवश्यक प्रावधान बनाने और उन पर विचार करने की होगी, जिनको पर्यावरण के नियमों के अनुसार कचरे के प्रबंधन के लिए APEMC को उनके परिसर के भीतर निपटा नहीं सकता है। APEMC कचरे को तब तक ट्रैक करेगा, जब तक उद्योगों के साथ काम करने के दौरान इसे सुरक्षित रूप से निपटाया नहीं जाता है।
रेड्डी ने दावा किया कि यह औद्योगिक कचरे के सुरक्षित और वैज्ञानिक निपटान को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भारत का पहला ऑनलाइन कचरा विनिमय प्लेटफॉर्म है।