कोरोना महामारी के कारण इस साल के अंत तक दुनियाभर में पांच करोड़ से ज्यादा अनचाहे गर्भधारण की संभावना है। वहीं 3.3 करोड़ असुरक्षित गर्भपात की भी आशंका है। अमरीकी थिंकटैंक गुट्टमाकर इंस्टीट्यूट के अनुसार कोरोना प्रतिबंधों के चलते यौन स्वास्थ सेवाएं चरमरा गई हैं। अनुमान है कि इस साल के अंत तक 5 करोड़ से अधिक महिलाओं तक गर्भनिरोधक नहीं पहुंच पाएंगे। इसके परिणाम स्वरूप उन्हें अनचाहा गर्भधारण करना होगा।
अमीर देश भी प्रभावित अमीर देशोंं मेे कोरोना महामारी के कारण प्रजनन दर में बढ़ोत्तरी का अनुमान है। इस तरह सिंगापुर में कोरोना बीमारी से पहले प्रजनन दर १.१४ थी जो अब २.१ हो गई है।
गर्भनिरोधकों पर छूट दें
जानकार मानते हैं कि सरकारें गर्भनिरोधकों पर सब्सिडी व उनकी पहुंच महिलाओं तक आसान बना दें तो परिवार नियोजन को बल मिलेगा। नागरिकों के लिए बेहतर जीवन की नीतियां बनाने में सहज होंगी।
जानकार मानते हैं कि सरकारें गर्भनिरोधकों पर सब्सिडी व उनकी पहुंच महिलाओं तक आसान बना दें तो परिवार नियोजन को बल मिलेगा। नागरिकों के लिए बेहतर जीवन की नीतियां बनाने में सहज होंगी।
कंडोम वितरण में 23 फीसदी कमी
भारत में स्वास्थ्य सुविधाओं के आंकड़ों के अनुसार दिसंबर से मार्च तक गर्भनिरोधक गोलियों में 15% व कंडोम के वितरण में 23% की कमी आई है। यहां गांव -कस्बों, छोटे शहरों से लोग परिवार से दूर रहकर नौकरी करते हैं। मार्च में लॉकडाउन के बाद घरों को लौट गए। पाटर्नर के साथ अधिक समय बिताने का समय मिला, जिससे अनचाहे गर्भ व गर्भपात हो सकते हैं।
भारत में स्वास्थ्य सुविधाओं के आंकड़ों के अनुसार दिसंबर से मार्च तक गर्भनिरोधक गोलियों में 15% व कंडोम के वितरण में 23% की कमी आई है। यहां गांव -कस्बों, छोटे शहरों से लोग परिवार से दूर रहकर नौकरी करते हैं। मार्च में लॉकडाउन के बाद घरों को लौट गए। पाटर्नर के साथ अधिक समय बिताने का समय मिला, जिससे अनचाहे गर्भ व गर्भपात हो सकते हैं।