पाक ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने से मना कर दिया है वहीं, चीन अपनी नेवी के साथ इस कार्यक्रम में पहुंच रहा है
नई दिल्ली। आंध्र के सागर में गुरुवार से 5 दिन का इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू 2016 शुरू हो रहा है। इस फ्लीट में 54 देशों की जल सेना इसमें हिस्सा ले रही है। भारत की ओर से इस फ्लीट में 100 से ज्यादा जहाज और 60 फाइटर प्लेन शामिल हो रहे हैं। जहां पाक ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने से मना कर दिया है वहीं, चीन अपनी नेवी के साथ इस कार्यक्रम में पहुंच रहा है।
क्या होगा खास?
आपको बता दें कि भारत इससे पहले 10 बार यह फ्लीट कर चुका है। ईस्टर्न नेवल कमांड इसे ऑर्गनाइज कर रही है। इस बार इसमें हिस्सा लेने वाले देशों की संख्या 29 से बढ़कर 54 हो गई है। इन देशों से 75 से ज्यादा वॉरशिप इसमें नजर आएंगे। 24 विदेशी नेवी चीफ और 90 फॉरेन डेलिगेट्स इसमें हिस्सा ले रहे हैं। रिटायर होने जा रहे भारतीय नेवी के आईएनएस विराट का यहां आखिरी सफर होगा। खास बात यह है कि शनिवार को प्रणब मुखर्जी और नरेंद्र मोदी प्रोग्राम में हिस्सा लेंगे।
क्या है इतिहास?
आपको बता दें कि 1953 में पहली बार भारत ने फ्लीट रिव्यू किया था। आखिरी बार जनवरी 2001 में भारत ने मुंबई में पहला इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू किया था। तब 29 देश हिस्सा बने थे। आजादी के बाद से लेकर अब तक इंडियन नेवी अपने सुप्रीम कमांडर के लिए 10 बार फ्लीट रिव्यू कर चुकी है।
कब, कहां, क्या?
4 फरवरी को आंध्र के सीएम चंद्रबाबू नायडू इस कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। 5 फरवरी को नेवी चीफ आरके धवन मीटिंग करेंगे। 6 फरवरी को प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी, पीएम मोदी, डिफेंस मिनिस्टर मनोहर पर्रिकर और होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह मेहमान होंगे। 7 फरवरी को इंटरनेशनल मैरीटाइम कॉन्फ्रेंस होगी। 8 फरवरी को ज्वाइंट इंटरनेशनल बैंड की सेरेमनी के साथ प्रोग्राम खत्म होगा।
जानें कुछ खास बातें-
* नौसेना बेड़ा निरीक्षण 2016 में शामिल होने वाले ज्यादातर पोत और विमान विशाखापत्तनम पहुंच चुके हैं और वे अभ्यासों तथा तैयारियों में जुटे हैं। यह पहला मौका है जब नौसेना बेड़ा निरीक्षण बंगाल की खाड़ी में आयोजित किया गया है। बंगाल की खाड़ी में इसका आयोजन करने का एक कारण देश की पूर्वोन्मुखी नीति भी है।
* राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी छह फरवरी को नौसेनाओं के बेड़े का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद सात फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की मौजूदगी में संयुक्त अभ्यास के दौरान जंगी पोत और विमान अपनी संचालन तथा युद्ध तैयारियों की झलक दिखायेंगे।
* यह पहला मौका है जब चीन भारतीय नौसेना के इस तरह के आयोजन में अपने पोत भेज रहा है। इसके अलावा अमेरिका, रूस, फ्रांस , ब्रिटेन और जापान जैसी महाशक्तियों के पोत भी इस आयोजन में शामिल होंगे। लेकिन भारत का निकटतम पड़ोसी पाकिस्तान इसमें अपने पोत नहीं भेज रहा है।
* नौसेना बेड़े का निरीक्षण काफी पुरानी परंपरा है और दुनिया भर की नौसेनाओं में यह प्रचलित है। यह ऐसा मौका होता है जब नौसेना अपनी संचालन और समुद्री युद्ध की तैयारियों का सेना के सर्वोच्च कमांडर के समक्ष प्रदर्शन करती है। भारत में हर राष्ट्रपति अपने शासनकाल में एक बार नौसेना के बेड़े का निरीक्षण करता है। देश में आजादी के बाद से अब तक दस बार नौसेना के बेड़े का निरीक्षण हो चुका है।
* पहला बेड़ा निरीक्षण 1953 में हुआ था। भारतीय नौसेना ने सबसे पहले 2001 में अंतर्राष्ट्रीय बेड़ा निरीक्षण का आयोजन किया था। पहले इस तरह के आयोजना में नौसेना, तटरक्षक बल और व्यापारिक जहाज भाग लेते थे लेकिन अब यह एक ऐसे बड़े अंतरराष्ट्रीय आयोजन का रूप ले चुका है, जिसमें दुनिया भर की बड़ी नौसेनाएं शिरकत करती हैं।
* इस आयोजन में आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण की ओर निरंतर अग्रसर भारतीय नौसेना की छवि की झलक भी देखने का मिलेगी। विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य और परमाणु पनडुब्बी तथा नौसेना के पी 8 आई टोही विमान समारोह में भारतीय नौसेना की क्षमता का प्रतीक होंगे।
* नौसेना के अनुसार उसके लिए यह आयोजन अपनी क्षमता और पेशेवर तकनीक के प्रदर्शन के साथ-साथ अन्य देशों की नौसेनाओं के साथ संबंधों को बढ़़ाने में सेतु का काम करेगा। इस का थीम ‘समुद्र के माध्यम से मित्रता और एकता’ रखा गया है।