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जम्मू कश्मीर में नदियां हुईं बेकाबू, सेना-एनडीआरएफ ने तेज किया रेस्क्यू, अबतक तीन की मौत

मौसम विभाग ने शनिवार को राजधानी श्रीनगर समेत मध्य कश्मीर के निचले इलाकों के लिए बाढ़ का अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही एनडीआर की टीम और सेना ने बाढ़ के खतरे को देखते हुए प्रभावित इलाके में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने का ऑपरेशन तेज कर दिया है।

नई दिल्लीJul 01, 2018 / 07:24 am

Chandra Prakash

जम्मू कश्मीर में नदियां हुईं बेकाबू, सेना-एनडीआर ने तेज किया रेस्क्यू, अबतक तीन की मौत

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में बारिश की वजह से नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसकी वजह से बाढ़ का खतरा धीरे-धीरे कश्मीर के कई हिस्सों पर मंडराने लगा है। शुक्रवार को दक्षिणी कश्मीर में अलर्ट जारी करने के बाद मौसम विभाग ने शनिवार को राजधानी श्रीनगर समेत मध्य कश्मीर के निचले इलाकों के लिए बाढ़ का अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही एनडीआर की टीम और सेना ने बाढ़ के खतरे को देखते हुए प्रभावित इलाके में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने का ऑपरेशन तेज कर दिया है।
बाढ़ से तीन की मौत

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बाढ़ की वजह से तीन लोगों की मौत हो गई है। कई गांवों में मवेशी भी बाढ़ में बह गए हैं। बता दें कि सेना उन इलाकों से भी लोगों को रेस्क्यू करने में कोई कोताही नहीं कर रही, जहां जवानों पर सबसे ज्यादा पत्थरबाजी की घटनाओं को अंजाम दिया जाता है।
अलर्ट पर सेना और एनडीआरएफ

झेलम नदी की क्षमता 35 हजार क्यूसेक पानी की है लेकिन भारी बारिश के कारण यह बढ़कर 50 हजार क्यूसेक हो गया है। श्रीनगर के राम मुंशी बाग में तड़के सुबह तक जलस्तर बढ़कर 20.82 फुट हो गया। राहत एवं बचाव कार्य के लिए राज्य आपदा प्रबंधन बल के सात तथा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के दो दलों को तैनात करने के अलावा किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला तथा मंडल मुख्यालयों में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। सेना और एनडीआरएफ की रिजर्व टीम को अलर्ट पर रखा गया है।
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राज्यपाल ने अधिकारियों संग की बैठक

राज्यपाल एन.एन. वोहरा ने झेलम नदी और उसकी सहायक नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण पनपे हालात और राहत उपायों पर चर्चा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की। बाढ़ नियंत्रण विभाग ने घाटी में पहले ही आपातकाल घोषित कर दिया है, क्योंकि संगम (अनंतनाग), राम मुंशीबाग (श्रीनगर) और आशम (बांदीपोरा) इलाके में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है।
बार-बार रूक रही अमरनाथ यात्रा

राज्य में कई स्थानों पर भूस्खलन होने के कारण अमरनाथ यात्रा बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों पर कई बार रोकनी पड़ी। रास्ता साफ होने और मौसम में सुधार होने के बाद ही पवित्र गुफा के लिए तीर्थयात्रा शुरू की गई।
लगातार बढ़ रहा नदियों का जलस्तर

राज्यपाल एन एन वोहरा के सलाहकार बी बी व्यास ने बताया कि जम्मू कश्मीर में 28 जून शाम सात बजे से भारी बारिश हुई है जिसके कारण नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि शोपिया, अनंतनाग तथा श्रीनगर जिले में 53 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि लोगों को सतर्क रहने तथा सुरक्षित जगहों पर भेजे जाने की संभावना के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।
बाढ़ पर 24 घंटे रखी जा रही नजर

बी बी व्यास ने बताया कि ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के संगम में जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। इसके साथ ही श्रीनगर के राम मुंशी बाग में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में स्थिति पर नजर रखने के लिए निगरानी प्रणाली की स्थापना की है जो 24 घंटे हालात पर नजर रखेगी। उन्होंने कहा कि हमें जानकारी मिली है कि गत दो दिन से लगातार हो रही बारिश के कारण शोपियां तथा दक्षिण कश्मीर के अन्य हिस्सों में भारी क्षति हुई है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी जारी की है लेकिन कहा है कि घबराने की जरूरत नहीं है।

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