धारा 377 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का दिखा असर, देश की पहली ट्रांसजेंडर अफसर कर रही हैं शादी
… इतिहास का हिस्सा बनने के लिए हम एक कदम आगे बढ़ जाते हैं
आपको बता दें कि आगे जेटली ने कहा कि समलैंगिक संबंधों को अपराध के दायरे से बाहर करने का फैसला ठीक है लेकिन दिक्कत वहां हैं जब इन ऐतिहासिक फैसलों को लिखा जाता है। क्योंकि आप आगे बढ़कर इतिहास का हिस्सा बनना चाहते हैं और इसलिए आप एक कदम आगे चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि वह अदालत के तर्क से पूरी तरह सहमत हैं कि यौन संबंध की गतिविधियां संविधान के अनुच्छेद 21 का भाग है, जो जीवन के अधिकार और जेंडर पर भेदभाव नहीं करने की गारंटी देता है। इसके बावजूद उन्होंने यह कहा कि यौन संबंध की गतिविधि स्वतंत्र अभिव्यक्ति का हिस्सा है, वे इस बात से सहमत नहीं हैं। जेटली ने आगे कहा कि जब आप इसे मौलिक अधिकार में शामिल करते हैं या कहते हैं कि यह स्वतंत्र अभिव्यक्ति है तब आप स्कूल, कॉलेजों, छात्रावासों, जेल, सैन्य इकाई में समलैंगिक या बाईसेक्सुअल, यौन गतिविधि के किसी भी रूप को कैसे रोकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि 377 पर विचार विमर्श करने की आवश्यकता है।