वन रैंक-वन पेंशन: पूर्व सैनिकों ने अर्जी पर खून से किए हस्ताक्षर
Published: Jun 14, 2015 11:45:00 pm
पूर्व सैनिक लम्बे समय से “”वन रैंक वन पेंशन” की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार इसे लागू करने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं कर सकी
नई दिल्ली। वन-रैंक-वन-पेंशन (ओआरओपी) व्यवस्था लागू कराने को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए पूर्व सैनिकों ने रविवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया और उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करेंगे। सैंकड़ों की संख्या में पूर्व सैनिक यहां इकट्ठा हुए और उन्होंने राष्ट्रपति को सौंपने के लिए एक ज्ञापन तैयार किया है, जिस पर खून से हस्ताक्षर किए गए हैं। राष्ट्रपति तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर हैं। पूर्व सैनिकों ने 1500 वीरता मेडल भी इकट्ठा कर रखे हैं, जिन्हें वे राष्ट्रपति को लौटाएंगे।
मेजर विजय शर्मा (सेवानिवृत्त) ने बताया कि हमने पहले भी 22,000 मेडल लौटाए हैं, लेकिन राष्ट्रपति ने उसे नहीं स्वीकारा है। कर्नल यू.बी.सिंह (सेवानिवृत्त) ने कहा कि यह सरकार के खिलाफ प्रदर्शन नहीं है, बल्कि सिर्फ अपनी भावना जाहिर करने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि हम सरकार के खिलाफ प्रदर्शन नहीं कर रहे। हम सिर्फ अपनी भावना जाहिर कर रहे हैं।
11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करेगा। इस प्रतिनिधिमंडल में नौ जवान, एक अधिकारी और पूर्व सैनिक की बेटी शामिल है। पूर्व सैनिकों के संगठन युनाइटेड एक्स-सर्विसमेन ऑफ इंडिया के मुताबिक, देशभर के 55 केंद्रों पर प्रदर्शन किए जा रहे हैं। जम्मू, जालंधर, अंबाला, तिरूवनंतपुरम, मदुरै, मुंबई, विशाखापट्टम, हैदराबाद, सिंकदराबाद, बेंगलुरू, कोलकाता, भुवनेश्वर, अहमदाबाद, सूरत, वड़ोदरा, पुणे, नाशिक, चांदीपुर, नागपुर, भोपाल, मेरठ, तेलंगाना, चेन्नई, जयपुर, नागौर, अलवर और कोटा सहित अन्य स्थानों पर प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
पूर्व सैनिकों ने सोमवार से अनशन पर जाने की भी तैयारी कर ली है। ओआरओपी लागू होने से एक ही रैंक के सभी सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों और जवानों को समान पेंशन मिलेगा। ओआरओपी से रक्षा विभाग के 25 लाख पूर्व सैनिकों, मृत सैन्यकर्मियों की पत्नियों को फायदा होने की उम्मीद है।